नई दिल्ली : मान लीजिए देश में बहुत Money है। हिडेन मनी (Hidden Money) की कमी नहीं है। याद कीजिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई की शाम को 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने का ऐलान किया था।
RBI ने कहा था कि 2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे।
RBI ने आम लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कहा था कि आम नागरिक 23 मई से लेकर 30 सितंबर तक 2000 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा कर सकेंगे और साथ ही इसे दूसरे नोटों के साथ बदल भी सकेंगे, इसलिए इस फैसले से घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
RBI के इस फैसले के बाद बैंकों में जिस हिसाब से 2000 रुपये के नोट जमा किए गए हैं और बदले गए हैं, आंकड़े जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
30 सितंबर तक 2000 रुपये के ज्यादातर नोट लौट आएंगे वापस
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक- भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा (Dinesh Kumar Khara) ने अभी हाल ही में बताया कि SBI ने सिर्फ 8 दिनों में 2000 के नोटों में 17 हजार करोड़ रुपये जमा किए हैं और बदले हैं।
दिनेश कुमार खारा के मुताबिक देशभर में SBI की ब्रांचों में सिर्फ 8 दिन के अंदर 2000 रुपये के नोटों में 14 हजार करोड़ रुपये जमा किए गए और 3 हजार करोड़ रुपये के नोट बदले गए।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अलावा किसी दूसरे बैंक ने इस तरह के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
बताते चलें कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा था कि 30 सितंबर तक 2000 रुपये के ज्यादातर नोट वापस लौट आएंगे।
30 सितंबर के बाद 2000 रुपये का नोट बना रहेगा लीगल टेंडर
बताते चलें कि साल 2016 में हुई नोटबंदी (Demonetisation) के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नए नोट जारी किए थे।
उस समय, सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैन कर दिया था।
RBI द्वारा छापे गए 2000 रुपये के सभी नोटों में से 89 प्रतिशत नोट तो मार्च 2017 तक ही छप गए थे।
RBI ने बताया कि 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने से मार्केट में कैश फ्लो की कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि सर्कुलेशन (Circulation) में 500 रुपये के पर्याप्त नोट हैं।
इतना ही नहीं, शक्तिकांत दास ने ये भी कहा था कि 30 सितंबर के बाद भी 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर बना रहेगा।