झारखंड में मनरेगा में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ, ED ने मांगी सरकार से रिपोर्ट

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रांची: Jharkhand (झारखंड) में मनरेगा (MANREGA) में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला (Scam) हुआ है। इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

ED ने घोटाले में संलिप्त लोगों की भूमिका के बारे में भी जानकारी मांगी है, ताकि उनके खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Money Laundering Act) के तहत कार्रवाई शुरू की जा सके।

माना जा रहा है कि इस मामले में राज्य के कई IAS और राजनीतिक हस्तियां भी ED जांच के रडार पर आ सकती हैं।

विनोद कुमार ने कार्रवाई पर मांगी रिपोर्ट

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सहायक निदेशक (इंटेलिजेंस) विनोद कुमार ने राज्य के ग्रामीण विकास विभाग (Rural Development Department) को लिखे पत्र में 100 करोड़ से अधिक के स्कैम (Scam) के मामले में अब तक की गई एफआईआर (FIR), चार्जशीट (Charge Sheet) , कार्रवाई इत्यादि पर रिपोर्ट देने को कहा है।

ED ने यह भी कहा है कि इस स्कैम (Scam) में उनके बारे में पूरी जानकारी दी जाए, जिनकी बड़ी भूमिका है।

IAS पूजा सिंघल अब तक जेल में हैं

गौरतलब है कि झारखंड (Jharkhand) की सीनियर IAS पूजा सिंघल (Puja Singhal) को विगत मई महीने में मनरेगा (MANREGA) से जुड़े घोटाले के जरिए मनी लॉड्रिंग (Money Laundering) मामले में गिरफ्तार (Arrest) किया गया था।

वह अब तक जेल (Jail) में हैं। अब ED ने जिस मनरेगा घोटाले पर रिपोर्ट मांगी है, पूजा सिंघल (Puja Singhal) के मामले से इतर है।

राज्य के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है

दरअसल, मनरेगा (MANREGA) की योजनाओं में सामग्री खरीद के नाम पर राज्य के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है।

ईंट, स्टोन, पशु शेड इत्यादि के नाम पर फर्जी खरीदारी की गई है। एक साल पूर्व राज्य की तत्कालीन ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने मनरेगा की योजनाओं के तहत 200 करोड़ रुपये की संदिग्ध निकासी का मामला पकड़ा था।

पाया गया था कि मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में बड़े पैमाने पर राशि की निकासी की गई थी।

सचिव ने कहा था कि यह पूरी तरह से संदेहास्पद लग रहा है। उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच की भी अनुशंसा की थी।