नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अपना जन्मदिन मनाने के एक दिन बाद ही सोमवार को वोरा ने अंतिम सांस ली। उन्हें पान और जलेबी खूब पसंद थी।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, दिग्गज कांग्रेस नेता का कई दशकों का राजनीतिक करियर रहा।
वह लंबे समय तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के कोषाध्यक्ष रहे।
वोरा के निधन पर कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा, हम कांग्रेस नेता, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। कांग्रेस ने एक मार्गदर्शक ज्योति खो दिया है।
उनकी आत्मा को शांति मिले।
वोरा ने कांग्रेस पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक कार्यकाल शुरू किया, जिसके बाद वे मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष बने।
उन्होंने इस साल मार्च में अपना राज्यसभा कार्यकाल समाप्त किया था।
इस दौरान उन्होंने कहा था, उच्च सदन में आखिरी दिन, मैं पूर्व मध्यप्रदेश के अविभाजित भाग दुर्ग के लोगों को नमन और सलाम करना चाहता हूं।
मैंने इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) के साथ एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक कार्यकाल शुरू किया और मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री के तथा केंद्रीय मंत्री के रूप में लोगों की सेवा करने की कोशिश की।
मैं गांधी परिवार का शुक्रगुजार हूं और कांग्रेस की सेवा के लिए हमेशा तैयार हूं।
वोरा गांधी परिवार के वफादार नेताओं में गिने जाते थे और कई बार मंत्री पद की दौड़ में होने के बावजूद, सोनिया गांधी ने उन्हें कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के रूप में बनाए रखा, क्योंकि वह वोरा पर काफी भरोसा करती थीं।
अपनी राजनीतिक यात्रा को याद करते हुए, वोरा ने कहा कि उन्होंने राजनीति में आने से पहले राजस्थान में थोड़े समय के लिए एक पत्रकार के रूप में भी काम किया।
बढ़ती उम्र के साथ अपने अंतिम दिनों के दौरान भी कांग्रेस के दिग्गज नेता राजनीतिक रूप से बहुत सक्रिय थे और छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज पर कड़ी नजर रखते थे, जिसने हाल ही में दो साल पूरे किए हैं।
वोरा ने एक ट्वीट में कहा था, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कुपोषण के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है और सकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगे हैं, जिससे राज्य के 77,000 से अधिक बच्चे कुपोषण मुक्त हो गए हैं।
कांग्रेस के वफादारों में मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल को अक्सर एक दूसरे के साथ बातचीत करते हुए देखा जाता था और लगभग सभी एआईसीसी की बैठकों में मौजूदगी दर्ज कराते थे।
वोरा के करीबी विश्वनाथ चतुवेर्दी ने बताया कि वोरा के दोस्त बताते हैं कि वोरा रबड़ी, जलेबी, दही-बड़े जैसी व्यंजनों के शौकीन थे। इसके अलावा उन्हें पान चबाना भी खूब पसंद था।
92 साल की आयु में भी उन्होंने कोविड-19 को मात दी और वे संक्रमण मुक्त भी हुए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके निधन पर दुख प्रकट करते हुए ट्वीट किया, वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और बेहतरीन इंसान थे। हमें उनकी कमी बहुत महसूस होगी।
उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा स्नेह एवं संवेदना है।