न्यूज़ अरोमा रांची: झारखंड में कार्यरत 65 हजार पारा शिक्षक अपने स्थायीकरण व वेतनमान को लेकर 18 सालों से संघर्ष कर रहे हैं।
हर बार सरकार आई, सभी सरकारों ने एक स्वर में कहा कि आपका चयन ग्राम शिक्षा समिति से हुआ है आपका स्थायीकरण नहीं किया जा सकता है।
वर्ष 2018 के आंदोलन के बाद राज्य के पारा शिक्षकों की ताकत की बदौलत कमेटी का निर्माण हुआ, विभिन्न राज्यों का दौरा कर पारा शिक्षकों को स्थायीकरण और वेतनमान की प्रक्रिया सरकार ने शुरू की।
उसी के तहत सरकार ने माना पारा शिक्षकों को स्थायीकरण वेतनमान किया जा सकता है। जिस पर कमेटी की कई एक बार बैठक हुई और अंतिम बैठक 9 जून को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में की गई।
उसमें स्पष्ट था कि आज 12 बजे रात तक नियमावली फाइनल की जाएगी।
राज्य कमिटी के साथ सभी मुद्दों पर बात हुई, जिसमें दो परीक्षा की जगह तीन परीक्षा देने की बात हुई। यह कहना है पारा शिक्षक संजय कुमार दुबे का।
सेलेक्शन डेट से 10 वर्ष होने पर परीक्षा में शामिल होने पर बनी सहमति
प्रशिक्षण तिथि से 10 वर्ष के बदले चयन तिथि से 10 वर्ष होने पर परीक्षा में शामिल होने पर सहमति बनी। साथ ही साथ परीक्षा पास करने के बाद वेतनमान दिया जाएगा इस पर चर्चा हुई।
अष्ट मंडल के साथियों ने कहा आकलन परीक्षा ली जाए और वेतनमान दिया जाए, सरकार के पदाधिकारियों द्वारा कहा गया टेट परीक्षा ली जाएगी।
जिसके कारण 9 जून को सहमति न बनकर विधि विभाग से राय लेने की बात आई।
अखबार के माध्यम से पता चला कि विधि विभाग में आकलन असहमति करते हुए टेट पर सहमति जताई।
हम लोगों ने सरकार को कहा अगर आप टेट परीक्षा लेते हैं तो पुराने पैटर्न पर सीमित टेट लें और पारा शिक्षकों के लिए वेटेज दिया जाए।
चुनाव के साथ ही आंदोलन भी हो
कुछ साथियों द्वारा इल्जाम लगाया जाता है-संजय दुबे टेट पास है इसलिए वह चाहते हैं कि नियमावली जल्द लागू हो।
मैं बता देना चाहता हूं यह टेट पास की नियमावली नहीं बन रही है राज्य के पारा शिक्षकों की नियमावली बन रही है, जिनको वेतनमान लेने के लिए परीक्षा पास करना होगा।
और इसके लिए सभी जिला ने कहा था की परीक्षा देना पड़े तो देंगे लेकिन वेतनमान मिलना चाहिए। इस कदम पर हम लोग आगे बढ़ें।
नई सरकार ने 3 माह में पारा शिक्षकों के स्थायीकरण वेतनमान की घोषणा की बात कही थी। आज 1 वर्ष बीत गया एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है।
हम लोगों ने इसके लिए 27 दिसंबर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक बुलाई।
कुछ साथियों ने कहा कि पहले चुनाव हो, परंतु अधिकतर साथियों का कहना था वर्तमान समय में आंदोलन हो फिर भी राज्य कमिटि ने चुनाव के लिए निर्णय लिया है।
30 जनवरी तक चुनाव संचालन समिति चुनाव का प्रारूप बना लेगी और एक संघ एक नेता की ओर आगे बढ़ा जाए। सभी ने सहमति जताई। साथ ही साथ आंदोलन भी किया जाए।
क्या है आंदोलन की तैयारी
इसके तहत 17 जनवरी को विधायक आवास, 24 जनवरी को मंत्री आवास, 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम रखा गया है। संजय दुबे ने कहा कि नियमावली स्वीकार करना चाहिए।
परीक्षा को छोड़कर सभी मुद्दों पर सरकार ने संगठन को आश्वस्त किया है।
मंत्रीजी ने परीक्षा की ज़िम्मेदारी ली थी। वह अभी अस्वस्थ हैं। आशा करते हैं कि निश्चित राज्य के पारा शिक्षकों की भलाई इस नियमावली में होनी चाहिए। आपस में फूट डालकर संगठन को न बांटें।