हरदा: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के समर्थन और इन कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और राजनीतिक दलों की सदबुद्धि के लिए मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने नर्मदा के नाभि स्थल हरदा जिले के हण्डिया पहुंचकर एक दिन का उपवास रखा।
कृषि मंत्री कमल पटेल गुरुवार को भोपाल से सड़क मार्ग से हरदा पहुंचे, रास्ते में उनका स्वागत किया गया।
कृषि मंत्री पटेल ने मां नर्मदा के समक्ष उपवास रखकर उम्मीद जताई कि कृषि कानूनों का समर्थन नहीं करने वाले किसान संगठन के नेताओं को सद्बुद्धि मिलेगी।
उन्होंने कहा कि नवीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को समाप्त होना चाहिए, ताकि किसान नये कानूनों से लाभान्वित होकर आर्थिक रूप सक्षम और आत्म-निर्भर बन सकें।
पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण आबादी को भू-स्वामित्व का अधिकार दिया है। इससे ग्रामों की तकदीर बदलेगी, किसानों की आमदनी दोगुनी होगी, ग्रामीण मजदूरों को काम मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार पहली बार समर्थन मूल्य पर सरसों, मसूर और चना की खरीदी गेहूं के साथ प्राथमिकता के साथ करने जा रही है। इससे किसानों को अपनी उपज बेचने में आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
सरकार द्वारा कृषि बीमा, कृषि उपज में हानि होने पर मुआवजा, कीट प्रकोप राशि, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ऋण जैसे अनेक ऐतिहासिक किसान हितैषी निर्णय लिए हैं।
कार्यक्रम में खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, मांधाता विधायक नारायण पटेल, हाटपिप्लिया विधायक मनोज चौधरी, गंजबासौदा विधायक श्रीमती लीना जैन, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष दर्शन चौधरी, भाजपा हरदा जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा, नगरपालिका हरदा अध्यक्ष सुरेंद्र जैन, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष रामेश्वर रिनवा सहित हजारों की संख्या में किसान उपवास पर बैठे।
किसान कल्याण तथा कृषि मंत्री कमल पटेल का देवास जिले के नेमावर के किसानों द्वारा चना, मसूर, सरसों की उपज का गेहूं के साथ उपार्जन करने के सरकार के निर्णय के लिये अभिनंदन किया गया।
किसानों ने हर्षोल्लास के साथ कृषि मंत्री का चने के साथ तुलादान किया।