Mumbai Boat Tragedy : किसी भी परिवार के लिए ऐसी त्रासदी अत्यंत दुखद है. मुंबई नाव हादसा (Mumbai Boat Accident) एक परिवार के लिए काल बन गया.
शहर के एक अस्पताल में इलाज के लिए अहीरे परिवार (Ahire Family) के तीन सदस्य आए थे. राकेश नानाजी अहीरे (34), उनकी पत्नी हर्षदा राकेश अहीरे (31) और उनका बेटा निधिश अहीरे (5) तीन दिन पहले नासिक से मुंबई पहुंचे थे.
राकेश की एक घंटे तक चली थेरेपी के बाद, परिवार बुधवार को एलीफेंटा गुफाओं (Elephanta Caves) की यात्रा करने निकल पड़ा. हालांकि, उनकी खुशी की सवारी ने जीवन की अंतिम सवारी साबित हुई.
एलीफेंटा द्वीप के रास्ते में उनकी नाव भारतीय नौसेना की एक Speedboat से टकराने के बाद पलट गई जिसमें तीनों की जान चली गई.
नासिक में थे माता-पिता
राकेश के माता-पिता को मुंबई से दूर नासिक स्थित अपने घर में ही थे. वह पेशे से मजदूर ठेकेदार था. उसने 2016 में हर्षदा से शादी की थी. राकेश के चचेरे भाई जीतेंद्र अहिरे ने कहा, ”वह परिवार का एकमात्र कमाने वाला था.
राकेश, उसकी पत्नी और बेटे की मौत की खबर से उसके माता-पिता को बहुत बड़ा सदमा लगा है.” परिवार के करीबी लोगों के अनुसार राकेश को साइनस संबंधी समस्या थी. परिवार को शहर में एक विशेषज्ञ डॉक्टर के बारे में पता चला था, जिसके बाद वह मुंबई आए थे.
तुरंत मुंबई आने को कहा गया
दुर्घटना के बारे में जानने के बाद मुंबई पहुंचे चचेरे भाई ने बताया कि राकेश इलाज के लिए तीन दिन पहले मुंबई आया था. इलाज एक घंटे तक चला.
चूंकि उनका बेटा नाव पर जाने पर जोर दे रहा था, इसलिए उन्होंने बुधवार को एलीफेंटा गुफाओं में जाने का फैसला किया. उनके परिवार को इस घटना के बारे में तब पता चला जब बुधवार शाम को एक रिश्तेदार ने कॉल किया. उन्होंने हमें तुरंत मुंबई आने को कहा.
फिर पता चला सबकी हो गई है मौत
शुरुआत में रिश्तेदारों को बताया गया कि राकेश की मौत हो गई है, जबकि उसकी पत्नी और पांच साल का बेटा अभी भी लापता हैं.
गुरुवार सुबह उरण के इंदिरा गांधी ग्रामीण अस्पताल (Indira Gandhi Rural Hospital) से शव प्राप्त करने वाले जीतेंद्र ने कहा, ”लेकिन जब तक हम नासिक से पहुंचे, हमें पता चला कि हर्षदा और निधिश की भी इस इस दुर्घटना में मौत हो चुकी है.”