मुंबई: मुंबई स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मंगलवार को रंगदारी वसूली मामले में पुलिस निरीक्षक आशा कोरके और नंदकुमार गोपाले को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया है।
इन दोनों को महाराष्ट्र राज्य क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने सोमवार रात को गिरफ्तार किया था। दोनों पुलिस अधिकारियों ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के कहने पर रंगदारी वसूलने का अपराध स्वीकार किया है। इसलिए सीआईडी परमबीर सिंह के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है।
सीआईडी ने आज आशा कोरके और नंदकुमार गोपाले को मुंबई स्थित मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया था। सरकारी वकील शेखर जगताप ने कोर्ट को बताया कि इन दोनों ने परमबीर सिंह के कहने पर व्यवसायी श्यामसुंदर अग्रवाल पर कठोर पुलिस कार्रवाई करने के नाम पर उनके बेटे शरद अग्रवाल से 50 लाख रुपये मोमीन नामक हवाला चलाने वाले मोमीन से 50 लाख रुपये वसूले थे।
इसी तरह इन दोनों ने समय -समय पर श्यामसुंदर अग्रवाल तथा उनके बेटे से 25 करोड़ से अधिक धनराशि वसूली है। इसलिए इन दोनों से पूछताछ के लिए दोनों को 7 दिन की पुलिस हिरासत दी जाए। इसके बाद जज सुधीर भाजीपाले ने दोनों को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
सरकारी वकील शेखर जगताप ने बताया कि परमबीर सिंह को इस मामले में पूछताछ के लिए कई बार नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद सीआईडी ने परमबीर के घर व अन्य ठिकानों पर तलाश की लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके।
इसलिए परमबीर सिंह के विरुद्ध लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इतना ही नहीं, ठाणे कोर्ट व मुंबई सेशन कोर्ट ने परमबीर सिंह के विरुद्ध गैरजमानती वारंट भी जारी किया है। बताया जा रहा है कि परमबीर सिंह विदेश भाग गए हैं।
इसलिए अब परमबीर सिंह के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस नोटिस के जारी होने के बाद विदेश में कहीं भी परमबीर सिंह को गिरफ्तार किया जा सकेगा और उनकी संपत्ति जब्त की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि व्यवसायी श्यामसुंदर अग्रवाल ने परमबीर सिंह पर कुख्यात बदमाश छोटा शकील के नाम पर धमकी दिलवाकर संजय पुनमिया और सुनील जैन के माध्यम से रंगदारी वसूलने की शिकायत मरीन ड्राईव पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी। इस मामले में सीआईडी ने संजय पुनमिया और सुनील जैन को गिरफ्तार किया था, जो इस समय पुलिस हिरासत में हैं।