मुंबई: मालेगांव बम विस्फोट मामले की एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक गवाह के बयान से नया मोड़ आ गया है।
गवाह ने कोर्ट को बताया कि एटीएस ने उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित आरएसएस के 5 नेताओं का नाम लेने के लिए प्रताड़ित किया था। गवाह ने कहा कि उसे लगातार 7 दिनों तक एटीएस ने अपने दफ्तर में रखकर उसे अन्य मामले में फंसाने की धमकी दी थी।
मुंबई की विशेष कोर्ट में मंगलवार को मालेगांव बम विस्फोट मामले की सुनवाई हो रही थी। इस मामले के 15वें गवाह ने कोर्ट को बताया कि एटीएस ने इस मामले में उसे योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार, देवधर तथा काकाजी जैसे आरएसएस से जुड़े नेताओं का नाम लेने के लिए प्रताड़ित किया था।
इससे पहले इस मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के विरुद्ध गवाही देने वाला गवाह भी पलट चुका है। उस गवाह ने अगस्त महीने में कोर्ट को बताया था कि कर्नल को फंसाने के लिए उस पर दबाव डाला गया था।
इस मामले में अब तक 220 लोगों की गवाही हो चुकी है तथा भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय, अजय रहिरवार, सुधाकर द्विवेदी, समीर कुलकर्णी आदि को आरोपित बनाया गया है। यह सभी लोग इस समय जमानत पर हैं।
उल्लेखनीय है कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के पास हुए बम विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे।