Deliberate arbitrariness of banks declaring loan accounts as fraud: मुंबई हाईकोर्ट ने बैंकों द्वारा ऋण खातों को जानबूझकर फ्रॉड घोषित करने की मनमानी पर सख्त रुख अपनाया है।
उद्योगपति अनिल अंबानी की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बैंकों को चेतावनी दी कि वे नियमों का पालन किए बिना ऐसे फैसले न लें।
अनिल अंबानी की याचिका
अनिल अंबानी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से ऋण लिया था, लेकिन समय पर भुगतान न होने के कारण बैंक ने उनके ऋण खाते को डिफॉल्ट में डालकर फ्रॉड घोषित कर दिया।
याचिका में आरोप लगाया गया कि बैंक ने यह कार्रवाई बिना रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन किए की।
कोर्ट का रुख
हाईकोर्ट ने कहा कि बैंकों को आंख बंद करके किसी खाते को फ्रॉड घोषित करने के बजाय तथ्यों की जांच करनी चाहिए।
बैंकिंग प्रणाली में जनता का पैसा लगा होता है, इसलिए बैंकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
सुधारों की जरूरत
कोर्ट ने रिजर्व बैंक और बैंकों से नई प्रणाली विकसित करने को कहा, ताकि भविष्य में इस तरह की मनमानी कार्रवाई पर रोक लगाई जा सके।