रांची: मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि 27 सितंबर को रांची नगर निगम परिषद की बैठक आहुत करने के लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिया जा चुका है। लेकिन नगर आयुक्त परिषद की बैठक को लेकर अड़ंगा लगा रहे हैं।
अब नगर आयुक्त परिषद एवं स्थाई समिति की पूर्व की बैठकों में जिन प्रस्तावों पर रोक लगाई गई थी, उसे पारित करने का दबाव बना रहे हैं।
मेयर ने बुधवार को कहा कि इससे स्पष्ट हो रहा है कि जनहित के प्रति उनकी मंशा ठीक नहीं है।
पूर्व में परिषद एवं स्थाई समिति की बैठकों में जिन प्रस्तावों पर रोक लगाई गई थी, उससे संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया था।
लेकिन नगर आयुक्त ने संबंधित प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी अब तक नहीं दिया।
यदि उनकी मंशा स्पष्ट होती तो वे संबंधित प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी देने में आनाकानी नहीं करते।
निगम परिषद या स्थाई समिति की बैठक में लाए गए प्रस्तावों की अधूरी जानकारी देकर वे परिषद और स्थाई सदस्यों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
मेयर ने कहा कि उन्होंने नगर आयुक्त के किसी प्रस्ताव को परिषद या स्थाई समिति की बैठक में उपस्थापित करने पर रोक नहीं लगाई है।
उन्होंने संबंधित प्रस्तावों को पारित करने से पूर्व विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है, ताकि जनहित से संबंधित कार्यों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त संबंधित प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी क्यों नहीं देना चाहते हैं।
क्या वे किसी के दबाव में आकर मेयर को किसी प्रकार की जानकारी नहीं देना चाहते हैं। केंद्र और राज्य सरकार जन सुविधा से संबंधित कार्यों के लिए फंड आवंटित करती है।
इसलिए इस फंड का सदुपयोग होना चाहिए न कि किसी व्यक्ति विशेष को लाभान्वित करने के उद्देश्य से शहर की सरकार को अधूरी जानकारी देकर गुमराह करने का प्रयास करना चाहिए।
मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिख कर निर्देश दिया है कि संबंधित प्रस्तावों को झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत निष्पादित करने करने के लिए जल्द से जल्द महाधिवक्ता से मंतव्य प्राप्त कर उपलब्ध कराएं।