काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के सत्ता में आने के बाद महिलाओं पर कहर बढ़ता जा रहा है।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद भी अफगानिस्तान में रुकने का फैसला करने वाली पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा (Mursal Nabizada) की बंदूकधारियों ने घर में घुसकर हत्या कर दी।
हमले में उनके एक अंगरक्षक की भी जान चली गयी। वहीं, एक अन्य अंगरक्षक और भाई जख्मी हो गए।
अफगानिस्तान में अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं पर कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। तालिबान के सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) के तत्कालीन नेताओं ने देश छोड़ने में ही भलाई समझी।
पूर्व सांसद के साथ उनके एक अंगरक्षक की भी मौत हो गयी
इसके बावजूद कुछ नेताओं ने अफगानिस्तान में रहने और चुनौतियों का सामना करने का फैसला किया था। इनमें मुर्सल नबीजादा उन कुछ महिला सांसदों में से एक थीं, जिन्होंने तालिबान की सत्ता के बाद भी अफगानिस्तान में रुकने का फैसला किया।
अफगानिस्तान में रुकने का फैसला पूर्व सांसद मुर्सल नबीजादा को भारी भारी पड़ा है। राजधानी काबुल में बंदूकधारियों ने उनके घर में घुसकर उन पर हमला किया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी।
इस दौरान वहां मौजूद उनके दोनों अंगरक्षकों व उनके भाई को भी गोली लगी। गोलीबारी (Firing) में पूर्व सांसद के साथ उनके एक अंगरक्षक की भी मौत हो गयी।
सुरक्षा बलों ने घटना की गंभीरता से जांच शुरू कर दी
एक अंगरक्षक व भाई जख्मी हो गए, जिन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल (Hospital) में भर्ती कराया गया है।
पूर्व सहयोगियों ने नबीजादा को अफगानिस्तान की बहादुर बेटी बताते हुए दुख जताया। पूर्व सहयोगियों ने कहा कि नबीजादा उन महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने तालिबानी शासन के डर से देश छोड़ने से इनकार कर दिया।
काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान ने कहा कि सुरक्षा बलों ने घटना की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
पूर्व विधायक मरियम सोलेमानखिल (Maryam Soleimankhil) ने कहा कि नबीजादा एक सच्ची पथ प्रदर्शक और मजबूत व मुखर महिला थीं, जो खतरे के बावजूद अपने विश्वास के लिए खड़ी रहीं।