नई दिल्ली: मशरूम मानव के लिए बेहद लाभकारी है। इसे बहुत ही पौष्टिक माना जाता है। मशरूम में लाइसिन नामक अमीनो अम्ल अधिक मात्रा में होता है, जबकि गेहूं, चावल आदि अनाजों में इसकी मात्रा बहुत कम होती है।
यह अमीनो अम्ल मानव के सन्तुलित भोजन के लिए आवश्यक होता है।
मशरूम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमें फ्री रेडिकल्स से बचाता है।
यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो माइक्रोबियल और अन्य फंगल संक्रमण को ठीक करता है।
मशरूम से होने वाले फायदों पर नजर डाले तो यह ब्लड प्रैशर जैसी बीमारी को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।
जो लोग इस बीमारी से परेशान हैं, उन्हें मशरूम का सेवन अवश्य करना चाहिए।
कार्बोहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह कब्ज, अपचन, अति अम्लीयता सहित पेट के विभिन्न विकारों को दूर करता है, साथ ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल एवं शर्करा के अवशोषण को कम करता है।
मशरूम वह सब कुछ देगा, जो डायबिटीज रोगी को चाहिए। इसमें विटामिन, मिनरल और फाइबर होता है।
इसमें फैट, कार्बोहाइड्रेट और शुगर भी नहीं होती, जो -डायबिटीज रोगी के लिए जानलेवा है।
यह शरीर में इन्सुलिन का निर्माण करता है। इसमें लीन प्रोटीन होता है, जो वजन घटाने में बड़ा कारगर होता है।
मोटापा कम करने वालों को प्रोटीन डाइट पर रहने को बोला जाता है, जिसमें मशरूम खाना अच्छा माना जाता है।
इसमें सोडियम सॉल्ट नहीं पाया जाता, जिस कारण मोटापे, गुर्दे तथा हृदयघात रोगियों के लिए आदर्श आहार है।
हृदय रोगियों के लिए कोलेस्ट्रॉल, वसा एवं सोडियम सॉल्ट सबसे अधिक हानिकारक पदार्थ होते हैं।
मशरूम में लौह तत्व यूं तो कम मात्रा में पाया जाता है, लेकिन मौजूद होने के कारण रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाये रखता है।
इसमें बहुमूल्य फॉलिक एसिड की उपलब्धता होती है, जो केवल मांसाहारी खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है।
मालूम हो कि मशरूम ऐसी सब्जी है, जिसे बच्चे आसानी से नहीं खाते और ज्यादातर लोगों के टॉप मेन्यू में यह सब्जी जगह नहीं बना पाती, फिर भी मशरूम पसंद करने वालों की कमी नहीं है।