रांची: मंगलवार को CBI की विशेष अदालत में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिकृत मुस्ताक आलम ने नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव और रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल मामले (Tara Shahdev and Ranjit Kohli alias Rakibul case) में गवाही दी।
बता देगी यह मामला तारा शाहदेव के धर्म परिवर्तन यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना (Sexual Harassment and Dowry Harassment) से जुड़ा हुआ है। रंजीत सिंह कोहली ने बचाव पक्ष के रूप में 2 गवाहों में एक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को बनाया है। CBI के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है।
पार्टी ऑफिस से गया दावतनामा, कोई व्यक्तिगत परिचय नहीं
अपनी गवाही में झामुमो नेता मुस्ताक आलम (Mustaq Alam) ने कहा कि रंजीत को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता, न उउसे कभी उनकी मुलाकात हुई है। इफ्तार पार्टी का दावतनामा किसने इश्यू किया और किसके माध्यम से यह गया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
दावतनामा का कार्ड CM Office से राजनीतिक पार्टी ऑफिस में जाता है। पार्टी ऑफिस से ही विभिन्न लोगों को प्रेषित किया जाता है। इसलिए पता नहीं कि दावतनामा का कार्ड किसके माध्यम से जारी किया गया, किसे दिया गया। अगली गवाही 27 मई को होगी।
विदित हो कि रंजीत कोहली एवं तारा शाहदेव की शादी 7 जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के कुछ माह बाद उसे धर्म परिवर्तन (Religion change) करने के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है।