नेपीता: म्यांमार की नई सैन्य नेतृत्व वाली राज्य प्रशासन परिषद ने शुक्रवार को स्थानीय और विदेशी दोनों कैदियों को मिलाकर 23,000 से अधिक कैदियों को रिहा करने की घोषणा की।
देश में 1 फरवरी को किए गए तख्तापलट का विरोध लगातार सातवें दिन भी जारी रहा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कमांडर-इन-चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेज सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग ने कैदियों को क्षमादान दिया, जिसमें 23,314 स्थानीय, 55 विदेशी शामिल हैं।
इन्हें 31 जनवरी, 2021 से पहले विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई थी।
यह कदम देश के 74 वें यूनियन डे पर उठाया गया। 12 फरवरी 1947 को ऐतिहासिक पेंगलॉन्ग समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था।
म्यांमार ने 4 जनवरी, 1948 को स्वतंत्रता हासिल की थी।
इस कदम का उद्देश्य कैदियों को सभ्य नागरिकों में बदलना, जनता को खुश करना और शांति, विकास और अनुशासन के साथ एक नया लोकतांत्रिक राज्य स्थापित करते हुए मानवीय और दयालु आधार बनाना है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार में राष्ट्रीय छुट्टियों पर सामूहिक कैदियों की रिहाई आम बात है।