नई दिल्ली: बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) वाले मामले पर बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Maharaj Dhirendra Krishna Shastri) को नागपुर पुलिस (Nagpur Police) ने क्लीन चिट दे दी है।
नागपुर पुलिस ने इस मामले की जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट (Report) में कहा कि वीडियो में देखने पर स्पष्ट हुआ है की वीडियो में धर्म के प्रचार से जुड़ी सामग्री है।
और इसमें अंधश्रद्धा जैसी कोई चीज नजर नहीं आई। जिसके बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी अपने विरोधियों पर जमकर बरसे।
विरोधियों पर बरसे धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) में अपनी गद्दी पर बैठे धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अगर हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का प्रचार प्रसार करना अंधविश्वास है तो फिर सभी हनुमान भक्तों को जेल के अंदर होना चाहिए।
मुझे कानून पर पूरा भरोसा था और और आखिर में सच्चाई की जीत हुई। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को राष्ट्रीय धर्म घोषित कर देना चाहिए। तभी भारत विश्व गुरु बनेगा और तभी सामाजिक समरसता होगी।
बागेश्वर धाम में हुई बाबा की जय जयकार
वहीं बागेश्वर धाम में बहुत दिनों के बाद बाबा धीरेंद्र शास्त्री को अपने बीच पाकर श्रद्धालुओं (Devotees) में खुशी की लहर दौड़ गई।
इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई और जय श्री राम के नारों से धाम गूंज उठा। विवाद के बाद यह उनकी पहली प्रतिक्रिया थी।
हालांकि, इससे पहले उन्होंने रायपुर में खुले मंच से शिकायत करने वाले नागपुर के अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (All India Superstition Eradication Committee) के श्याम मानव को दरबार में आने की चुनौती दी थी। मगर, श्याम मानव ने वहां आने से इनकार कर दिया था।
अंधविश्वास फैलाने का लगा था आरोप
बताते चलें कि श्याम मानव ने आरोप लगाया था कि बागेश्वर धाम के Dhirendra Shastri अंधविश्वास फैला रहे हैं। समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि ‘दिव्य दरबार’ और ‘प्रेत दरबार’ की आड़ में जादू टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है।
साथ ही देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है।
समिति ने पुलिस से महाराज पर कार्रवाई करने की मांग भी की थी। इस पर पुलिस कमिश्नर और फिर नागपुर क्राइम ब्रांच के पास दो बार शिकायत की गई थी।
इस समिति के अध्यक्ष श्याम मानव का कहना है कि कथा के नाम पर जो हो रहा है वो साफ-साफ जादू-टोने और अंधश्रद्धा को फैलाने का काम है।
2 दिन पहले ही खत्म हो गई थी कथा
बार-बार पुलिस से शिकायत करने के बाद आयोजकों को इस बात का पता चला और उन्होंने इस कथा को 2 दिन पहले खत्म करने का फैसला लिया है क्योंकि जिस तरह से ये कानून है और धीरेंद्र शास्त्री ने इस दिव्य दरबार (Divine Court) के नाम से जो कानून का उल्लंघन किया है, ऐसे में इस कानून के तहत जेल होना तय है। इस कानून के तहत जमानत का भी प्रावधान नहीं है।
आयोजकों ने बताया क्यों 2 दिन पहले ही खत्म हो गई थी कथा?
वहीं, आयोजकों का कहना है की कथा 7 दिन यानी 5 जनवरी से 11 जनवरी तक होनी थी।
मगर, अचानक से धीरेंद्र शास्त्री महाराज को बागेश्वर धाम में बनाए जाने वाले अस्पताल की बैठक में शामिल होने के लिए ‘गड़ा’ जाना था। लिहाजा, कथा को 2 दिन पहले ही समाप्त किया गया था।
नागपुर पुलिस ने शिकायत करने वाले लिखित में दिया जवाब
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर नागपुर में अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा शिकायत की गई थी।
जिस पर नागपुर पुलिस ने जांच करने के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज को क्लीन चिट दी है। नागपुर पुलिस नागपुर पुलिस ने शिकायत करने वाले श्याम मानव को भी लिखित में भी इसका जवाब दिया है।
अब नागपुर पुलिस पर ही उठ रहे हैं सवाल
इस पर अब श्याम मानव ने सवाल खड़े करते हुए नागपुर पुलिस को ही कटघड़े में खड़ा कर दिया है। श्याम मानव ने कहा की ACP पर जिम्मेदारी है और कानून के तहत वो FIR नहीं कर रहे हैं।
इसका साफ मतलब है कि वह बाबा की अप्रत्यक्ष रूप से सहायता कर रहे हैं। कानून के तहत उन पर ही गुनाह दाखिल हो सकता है।