नई दिल्ली: इस कठिन कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की कमी बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। ऑक्सीजन नहीं मिलने से हर रोज सैकड़ों लोग मर रहे हैं। ऐसे में सांस लेने के तरीकों पर सबसे ज्यादा रिसर्च हो रही है।
दुनिया में 11 ऐसे अध्ययन चल रहे हैं जिसमें नाइट्रिक ऑक्साइड से कोविड मरीजों का इलाज हो रहा है। दुनिया में मशहूर किताब ‘ब्रीद : द न्यू साइंस ऑफ अ लॉस्ट आर्टÓ के लेखक जेम्स नेस्टर कहते हैं- नाक से सांस लेना सबसे बेहतर है।
मुंह से सांस लेना यानी हवा में मौजूद सब कुछ अंदर खींच लेना है। नाक हवा को फिल्टर कर फेंफड़ों में भेजती है। नाक से सांस लेने से नाइट्रिक ऑक्साइड का इनटेक भी बढ़ता है।
मुंह बंद करें, नाक से सांस लें
मुंह से सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन कंसंट्रेशन बिगड़ता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और नींद खराब होती है। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग मुंह से ज्यादा सांस लेते हैं।
ऐसे मिलेगा शरीर को फायदा
जब आप नाक से सांस लेते हैं तो नाक फिल्टर का काम करती है।
यह ऑक्सीजन को गर्म और गीला करती है। यह फेफड़ों के लिए ज्यादा बेहतर होता है। नाक से सांस लेते समय नाइट्रिक ऑक्साइड का इनटेक बढ़ता है।
यह एक ऐसा मॉलिक्यूल है, जिससे रक्त धमनियां खुलती हैं और शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और दूसरे जरूरी न्यूट्रिएंट्स पहुंचते हैं।
धीरे-धीरे 5 सेकंड तक सांस लें
सांस को धीरे-धीरे लेना एक एक्सरसाइज है। आप नाक से 5 से 6 सेकंड तक सांस को धीरे-धीरे खींचे और फिर नाक से ही 5 से 6 सेकंड तक सांस को वापस छोड़ें।
इससे आप भले ही सांस कम लेंगे लेकिन गहरी और अच्छी सांस लेंगे।
टेनिस बॉल से शरीर पर मसाज
सांस लेते समय गर्दन, कंधे, अपर चेस्ट और पीठ के हिस्से की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं।
सांस लेने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है। इसे बेहतर बनाने के लिए आप कभी-कभी शरीर के ऊपरी भाग (चेस्ट) में टेनिस बॉल से मसाज कर सकते हैं।