BJP’s new president may be announced soon: जल्द हो सकता है BJP के नए अध्यक्ष का ऐलान। चर्चा है कि अप्रैल के आखिर तक जेपी नड्डा के विकल्प के तौर पर नए नेता के नाम की घोषणा हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट में बीजेपी सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम भी अध्यक्ष पद की दौड़ में है।
इसके अलावा मोदी सरकार में ही मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव के नामों की भी चर्चा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इन तीन नेताओं में से किसी एक को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
अध्यक्ष पर फैसला लेने से पहले आरएसएस की सलाह भी ली जाएगी। वहीं उससे पहले यूपी, बंगाल, आंध्र प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में अध्यक्ष का फैसला भी लिया जाएगा। तभी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 25 अप्रैल तक यूपी समेत कई राज्यों में अध्यक्षों का ऐलान कर सकती है। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया जाएगा।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मनोहर लाल खट्टर को लेकर सहमति बनने की संभावना ज्यादा है। इसकी वजह है कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी हैं और उनकी पहली पसंद भी हैं। लंबे समय तक आरएसएस प्रचारक के तौर पर काम करने वाले मनोहर लाल खट्टर को संगठन की अच्छी समझ है। इसके अलावा आरएसएस भी उनके नाम पर सहमति दे सकता है, जो मानता हैउसकी वैचारिक पृष्ठभूमि के नेता के हाथ में ही पार्टी की कमान होनी चाहिए।
इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव के नाम पर की भी चर्चा है। हालांकि मनोहर लाल खट्टर सबसे आगे माने जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर के दशकों पुराने रिश्ते हैं। यही नहीं बीजेपी में महासचिव के तौर पर भी राज्यों से कई नेताओं को शामिल किया जा सकता है।
ये वे नेता होंगे, जो पूर्व मंत्री या सीएम जैसे पदों पर रह चुके हैं, लेकिन इन दिनों उनके पास कोई बड़ा दायित्व नहीं है। वहीं अभी संगठन में काम करने वाले कुछ लोगों को कैबिनेट में भी एंट्री दी जा सकती है।
एनडीए सरकार में सहयोगी दलों की डिमांड है कि कैबिनेट का विस्तार किया जाए और उनके नेताओं को एंट्री मिले। इस बीच बिहार में चुनाव होना है और उससे पहले उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री पद दिया जा सकता है। वहीं एकनाथ शिंदे की पार्टी को भी मौका मिल सकता है, जो डिप्टी सीएम तो हैं, लेकिन बीच-बीच में उनकी नाराजगी की खबरें आती रहती हैं। चर्चाएं यह भी हैं कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने के मौके पर भी कैबिनेट विस्तार हो सकता है।