Former Karnataka DGP Om Prakash stabbed to death: कर्नाटक के पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) ओम प्रकाश (68) की रविवार, 20 अप्रैल, 2025 को बेंगलुरु के पॉश HSR लेआउट की 14वीं क्रॉस रोड स्थित उनके तीन मंजिला बंगले में चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। 1981 बैच के रिटायर्ड IPS अधिकारी का खून से लथपथ शव ड्राइंग रूम में मिला, जिसमें पेट, सीने और गर्दन पर 8-12 गहरे घाव थे।
पुलिस ने उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी कृति को हिरासत में लिया है, जो घटना के समय घर में मौजूद थीं। पल्लवी ने पुलिस को फोन कर हत्या की सूचना दी और एक दोस्त को कॉल कर कहा, “मैंने राक्षस को मार डाला,” जिससे जांच में सनसनीखेज मोड़ आ गया। प्रारंभिक जांच में संपत्ति विवाद और पल्लवी की मानसिक अस्थिरता को हत्या का संभावित कारण माना जा रहा है।
20 अप्रैल की शाम करीब 4:00 बजे, ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच तीखी बहस हुई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पल्लवी ने पहले ओम प्रकाश के चेहरे पर मिर्च पाउडर फेंका, फिर खाना पकाने का तेल डाला और उनके हाथ-पैर बांध दिए।
इसके बाद, रसोई के दो चाकुओं से 10-12 बार वार किए गए, जिनमें गर्दन और पेट पर गहरे घाव शामिल थे। ओम प्रकाश करीब 15-20 मिनट तक तड़पते रहे, जबकि पल्लवी शांत बैठी रहीं। हत्या के बाद, पल्लवी ने एक रिटायर्ड IPS अधिकारी की पत्नी को वीडियो कॉल कर कहा, “मैंने राक्षसको मार डाला,” और फिर 112 पर पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की होयसला गाड़ी शाम 4:30 बजे 14वीं क्रॉस पहुंची, लेकिन पल्लवी और कृति ने दरवाजा नहीं खोला। पुलिस को दरवाजा तोड़कर अंदर जाना पड़ा। ग्राउंड फ्लोर की ड्राइंग रूम में ओम प्रकाश का शव खून के गड्ढे में पड़ा था।
डाइनिंग टेबल पर अधूरी मछली की प्लेट और पास में खून से सना चाकू, टूटी बोतल, और मिर्च पाउडर की बोतल मिली। पल्लवी और कृति एक कमरे में बंद थीं, जहां कृति ने हंगामा मचाया। दोनों को HSR लेआउट पुलिस स्टेशन ले जाया गया, और सीन ऑफ क्राइम ऑफिसर (SOCO) ने सबूत इकट्ठे किए।
बिहार के चंपारण निवासी ओम प्रकाश ने भूविज्ञान में MSc की डिग्री हासिल की थी। 1981 बैच के IPS अधिकारी के तौर पर उन्होंने बल्लारी में अतिरिक्त SP के रूप में करियर शुरू किया। शिमोगा, उत्तर कन्नड़, और चिक्कमगलूर में SP, लोकायुक्त, CID, और अग्निशमन सेवाओं में DIG रहे।
1 मार्च, 2015 को वे कर्नाटक के DGP बने और 31 मार्च, 2017 को रिटायर हुए। 2013 के BJP मुख्यालय बम विस्फोट और 2014 के चर्च स्ट्रीट ब्लास्ट की जांच में उनकी भूमिका उल्लेखनीय थी। रिटायरमेंट के बाद वे HSR लेआउट में पत्नी पल्लवी, बेटी कृति, और बेटे कार्तिकेश के साथ रह रहे थे।
ओम प्रकाश के बेटे कार्तिकेश, जो घटना के समय कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे, को पड़ोसी जयश्री श्रीधरन ने 5:00 बजे फोन कर सूचना दी। 5:45 बजे घर पहुंचने पर उन्होंने पुलिस और भीड़ को देखा।
कार्तिकेश ने FIR में दावा किया कि पल्लवी पिछले एक हफ्ते से ओम प्रकाश को जान से मारने की धमकी दे रही थीं, जिसके चलते ओम प्रकाश अपनी बहन सरिता कुमारी के घर चले गए थे। दो दिन पहले कृति ने उन्हें जबरन घर वापस लाया। कार्तिकेश ने पल्लवी और कृति पर हत्या का संदेह जताया।
पुलिस ने पल्लवी और कृति के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया। पल्लवी ने पुलिस के सामने हत्या कबूल की, लेकिन आत्मरक्षा का दावा किया, यह कहते हुए कि ओम प्रकाश ने पिस्तौल से उन्हें और कृति को धमकाया था। हालांकि, पुलिस को पिस्तौल नहीं मिली। कृति की भूमिका संदिग्ध है, क्योंकि पल्लवी का कहना है कि वह हत्या के समय अलग कमरे में थी। पुलिस कृति के फोन रिकॉर्ड और बयानों की जांच कर रही है।
पुलिस की जांच में संपत्ति विवाद एक प्रमुख कारण के रूप में उभरा। ओम प्रकाश अपनी सारी संपत्ति, खासकर दांदेली (कर्नाटक) की जमीन, कार्तिकेश को ट्रांसफर करना चाहते थे, जिससे पल्लवी नाराज थीं। सूत्रों के अनुसार, दंपती में लंबे समय से वैवाहिक तनाव था। पल्लवी ने कुछ महीने पहले HSR लेआउट पुलिस स्टेशन के बाहर धरना दिया था, जब उनकी शिकायत (जमीन विवाद से संबंधित) दर्ज नहीं की गई।
पल्लवी की मानसिक स्थिति पर सवाल उठे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्हें स्किजोफ्रेनिया था, और वे नियमित रूप से मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाती थीं। पुलिस उनके मेडिकल रिकॉर्ड और डॉक्टरों से पूछताछ कर रही है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पल्लवी ने हत्या के बाद शांत बैठकर ओम प्रकाश को तड़पते देखा, जो उनकी मानसिक अस्थिरता की ओर इशारा करता है। हालांकि, पुलिस इसे सुनियोजित हत्या भी मान रही है, क्योंकि मिर्च पाउडर, तेल, और रस्सी का इस्तेमाल किया गया है।