kunal murder case :दिल्ली के सीलमपुर में 17 वर्षीय कुणाल सिंह की हत्या ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि दिल्ली पुलिस के लिए एक नई चुनौती पेश की है। इस हत्याकांड में मुख्य संदिग्ध के रूप में उभरी जिकरा, जिसे ‘लेडी डॉन’ के नाम से जाना जाता है, को दिल्ली पुलिस ने 18 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया।
जिकरा की गिरफ्तारी के बाद जांच अब एक साधारण हत्या से आगे बढ़कर दिल्ली के अंडरवर्ल्ड में उभरते नए नेटवर्क और गैंगवार की संरचना तक पहुंच गई है।
पुलिस को शक है कि जिकरा न केवल हाशिम बाबा गैंग के साथ जुड़ी थी, बल्कि वह लॉरेंस बिश्नोई के कुख्यात नेटवर्क में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही थी।
कुणाल हत्याकांड और जिकरा की भूमिका
कुणाल सिंह की हत्या 17 अप्रैल 2025 को शाम करीब 7:30 बजे सीलमपुर में उनके घर से कुछ ही दूरी पर हुई, जब वह अपने बीमार पिता के लिए दूध खरीदने निकले थे।
पांच अज्ञात हमलावरों ने कुणाल पर कई बार चाकू से वार किया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध, साहिल और रेहान, की पहचान हुई, जो जिकरा के चचेरे भाई बताए जा रहे हैं।
कुणाल की मां परवीन ने दावा किया कि जिकरा इलाके में पिस्तौल के साथ घूमती थी और उसका गैंग कुणाल की हत्या में शामिल था। परिवार का आरोप है कि यह हत्या जिकरा के चचेरे भाई साहिल पर पहले हुए हमले का बदला थी, जिसमें कुणाल का कोई हाथ नहीं था।
जिकरा को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने उसके दो चचेरे भाइयों, साहिल खान और रिहान मिर्जा, सहित तीन अन्य लोगों को हिरासत में लिया है।
पूछताछ में जिकरा ने खुलासा किया कि उसने हत्या से पहले रेकी की थी और नाबालिगों का एक गैंग तैयार किया था, क्योंकि नाबालिगों को कठोर सजा नहीं मिलती। यह रणनीति जिकरा की शातिर सोच को दर्शाती है।
जिकरा का आपराधिक सफर और ‘लेडी डॉन’ की छवि
जिकरा, जो शादीशुदा है, ने पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया के जरिए खुद को ‘लेडी डॉन’ के रूप में स्थापित करने की कोशिश की। इंस्टाग्राम पर उसके 15,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जहां वह हथियार लहराते हुए वीडियो पोस्ट करती थी।
एक महीने पहले, उसने एक देसी पिस्तौल के साथ वीडियो डाला था, जिसके बाद उसे आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, जिकरा 10-12 लड़कों के गैंग के साथ इलाके में आतंक फैलाती थी, जिससे कई निवासियों में डर का माहौल था।
जिकरा का आपराधिक इतिहास हाशिम बाबा की पत्नी जोया के साथ उसके जुड़ाव से शुरू हुआ। जोया की ड्रग्स मामले में गिरफ्तारी से पहले जिकरा उसकी बाउंसर थी और उसके साथ रहती थी।
जोया की गिरफ्तारी के बाद जिकरा ने गैंग के खालीपन का फायदा उठाकर अपना नेटवर्क बनाने की कोशिश शुरू की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिकरा जोया के जरिए हाशिम बाबा के करीब पहुंचना चाहती थी और ड्रग्स कारोबार में शामिल होने की योजना बना रही थी।
हाशिम बाबा और लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन
हाशिम बाबा, दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके का कुख्यात गैंगस्टर, वर्तमान में मंडोली जेल में बंद है। उसका गैंग लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क का हिस्सा माना जाता है, जिसके साथ उसने 2021 में तिहाड़ जेल में मुलाकात के बाद गठजोड़ किया था।
हाशिम और बिश्नोई ने अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों-चेनू पहलवान और नीरज बवाना-के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला किया था। हाशिम का गैंग दिल्ली में हथियारों की सप्लाई और रंगदारी के लिए जाना जाता है, जो बिश्नोई के लिए महत्वपूर्ण है।
पुलिस को शक है कि जिकरा, हाशिम बाबा के गैंग में अपनी पैठ बनाकर, लॉरेंस बिश्नोई के नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रही थी।
हाशिम और जोया की गैरमौजूदगी में गैंग के भीतर सत्ता का संघर्ष चल रहा है, और जिकरा इस मौके को भुनाने की फिराक में थी। कुणाल की हत्या को पुलिस हाशिम बाबा के नाम का वर्चस्व बनाए रखने या जिकरा के अपने प्रभाव को स्थापित करने की कोशिश के रूप में देख रही है।