“ECI Allows Checking of VVPAT Slips Amid EVM Tampering Allegations”: निर्वाचन आयोग ने लोकसभा (Loksabha) और राज्य Vidansabha चुनावों के नतीजे आने के बाद Electronic Voteing मशीन (EVM) में छेड़छाड़ के आरोपों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले असंतुष्ट उम्मीदवारों को किसी भी मतदान केंद्र के EVM मशीन से प्रयोगिक मतदान या प्रयोगिक तौर पर वीवीपैट की पर्चियों की जांच सहित विभिन्न विकल्प दिए हैं।
निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को जारी मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) के मुताबिक चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में उनके चुने हुए मतदान केंद्रों के EVM की जांच करने का विकल्प दिया गया है।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि नियंत्रित जांच की पुरानी Convention से आगे जाने से जांच और सत्यापन प्रक्रिया संबंधी कोई पूर्वाग्रह या छेड़छाड़ की संभावना या आशंका समाप्त हो जाती है।
निर्वाचन आयोग को BJP और Congress सहित आठ असंतुष्ट उम्मीदवारों से आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें चार जून को Loksabha चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद ईवीएम में लगे माइक्रो-कंट्रोलर चिप्स में कथित छेड़छाड़ या बदलाव की जांच कराने का अनुरोध किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने EVM में छेड़छाड़ की आशंका को ‘तथ्यहीन’ करार देते हुए मतपत्र से मतदान कराने की पुरानी प्रक्रिया बहाल करने के वास्ते दाखिल याचिकाओं को 26 अप्रैल को खारिज कर दिया था।
शीर्ष अदालत ने लेकिन साथ ही दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले असंतुष्ट उम्मीदवारों के लिए रास्ता खोलते हुए उन्हें लिखित आवेदन एवं शुल्क के साथ प्रति विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच प्रतिशत ईवीएम के ‘माइक्रो Controler’ चिप्स की जांच एवं सत्यापन कराने की अनुमति दी थी।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि पात्र उम्मीदवार विधानसभा क्षेत्र या निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केन्द्रों या मशीनों की क्रम संख्या का विकल्प दे सकते हैं, बशर्ते कि उस क्षेत्र या सीट में प्रयुक्त अधिकतम पांच प्रतिशत ईवीएम की जांच और सत्यापन प्रक्रिया हो।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि आवेदक की पसंद के अनुसार पूरे निर्वाचन क्षेत्र से ईवीएम का चयन किया जाए तथा किसी विशेष मशीन के चयन या उसे छोड़ने में किसी तीसरे पक्ष या अधिकारी की भागीदारी नहीं होगी।
आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों को किसी निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी मतदान केंद्र के ईवीएम को जांच के लिए चुनने का भी विकल्प दिया जाएगा।
यदि कोई भी आवेदक उम्मीदवार किसी विशेष मतदान केन्द्र की कोई विशिष्ट इकाई – बैलेट यूनिट, कंट्रोल Unit या वीवीपैट का चयन करता है, तो वह उस मतदान केन्द्र पर प्रयुक्त उसी सेट की अन्य इकाइयों को चुनने के लिए बाध्य नहीं है।
आयोग किसी भी मशीन से अपनी इच्छा के अनुसार प्रायोगिक मतदान करके यह जांच कर सकते हैं कि मशीन से सही मतदान हुआ है या नहीं।
लेकिन इसके लिए अधिकतम मतों की संख्या 1400 तय की गई है। इसी प्रकार तय प्रक्रिया के तहत वीवीपैट की भी गिनती की जाएगी।