नई दिल्ली: केजीएमयू के 100 फीसदी डॉक्टर और कर्मचारियों में कोरोना एंटीबॉडी मिली हैं।
यह खुलासा ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की एंटीबॉडी जांच में हुआ है।
विभाग ने केजीएमयू के डॉक्टर और कर्मचारियों के शरीर में एंटीबॉडी की पहचान के लिए गुजरे चार दिनों से जांच अभियान की शुरुआत की है। शुरुआती जांच में उत्साहजनक नतीजे आ रहे हैं।
केजीएमयू में करीब 450 डॉक्टर, 1000 रेजिडेंट, पांच हजार संविदा कर्मचारी तैनात हैं।
ढाई हजार नियमित कर्मचारी व पैरमेडिकल स्टाफ हैं। हेल्थ वर्कर होने के नाते 100 प्रतिशत तक डॉक्टर-कर्मचारियों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली है।
कोरोना की दूसरी लहर 500 से ज्यादा डॉक्टर व कर्मचारी पॉजिटिव हो गए थे।
अब सभी डॉक्टर कर्मचारी ठीक हैं। केजीएमयू ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की अध्यक्ष डॉ. तूलिका चन्द्रा के मुताबिक कोरोना एंटीबॉडी जांच के लिए अभियान चल रहा है।
अब तक 600 डॉक्टर कर्मचारियों की जांच की जा चुकी है।इनमें कोरोना एंटीबॉडी पाई गई हैं।
इन डॉक्टर कर्मचारियों ने वैक्सीन की दोनों डोज ली है। इनमें दो प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिन्होंने किन्हीं कारणों से कोरोना से बचाव का टीका नहीं लगवाया है।
इनमें शिशु को स्तनपान कराने वाली महिला डॉक्टर-कर्मचारी भी शामिल हैं।
डॉ. तूलिका चन्द्रा ने बताया कि इतने लोगों में एंटीबॉडी मिलना सुखद संदेश है।
जिन लोगों में एंटीबॉडी मिली है, उन्हें अब कोरोना ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।
टीकाकरण से कोरोना वायरस हारेगा। हालांकि मास्क, फिजिकल डिस्टेसिंग और दूसरे कोविड नियमों का कड़ाई से पालन करने की सख्त जरूरत है।
वैक्सीन के बाद भी लोगों को पूरी सुरक्षा बरतनी होगी।