3000 NEET students will get the benefit of Supreme Court’s decision: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश NEET UG की प्रवेश परीक्षा वर्ष 2023-24 के लिए आरक्षित सीटों के आवंटन में जो त्रुटि की गई थी। उस पर नाराजगी जताई है।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश High Court की ग्वालियर खंडपीठ का फैसला निरस्त करते हुए जो फैसला दिया है। उससे आरक्षित वर्ग के 3000 छात्रों को इसका फायदा होगा।
वर्ष 2023-24 के शैक्षिक सत्र से जुड़ा हुआ मामला है। सामान्य श्रेणी के कोटे में आरक्षित श्रेणी के छात्रों को प्रवेश दिए जाने को Supreme Court ने योग्यता के आधार पर प्रवेश माना है। राज्य सरकार इसे आरक्षित श्रेणी में गिन रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को गलत करार दिया है।
अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आरक्षित श्रेणी का छात्र यदि योग्यता के आधार पर सामान्य श्रेणी में प्रवेश पाता है। तो वह सामान्य श्रेणी में प्रवेश का पात्र होता है। लेकिन जो सीट आरक्षित वर्ग के लिए सुरक्षित है। उन्हें आरक्षित वर्ग के कोटे से ही आवंटन किया जाना चाहिए।
Supreme Court ने अपने आदेश में कहा है, छात्रों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है। अगले शैक्षणिक वर्ष में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार आरक्षण नियमों को विधिवत रूप से लागू किया जाए। याचिकाकर्ता छात्रों को 2024-25 में प्रवेश देने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से काउंसलिंग पर असर नहीं
मध्य प्रदेश के डायरेक्टर चिकित्सा शिक्षा डॉ अरुण श्रीवास्तव ने कहा, Supreme Court के आदेश से साथ छात्रों का प्रवेश उनके कट ऑफ के अनुसार दिया जा रहा है। Supreme Court के इस आदेश से वर्तमान काउंसलिंग में कोई असर नहीं पड़ेगा। सामान्य वर्ग की सीटों से 10 फ़ीसदी सीट EWS के लिए आरक्षित हैं।