नई दिल्ली: काबुल में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के अभियान में तेजी आ गई है।
भारतीय राजनयिकों के हस्तक्षेप के बाद रविवार को दोहा, ताजिकिस्तान और काबुल के रास्ते तीन उड़ानों के जरिये 390 भारतीयों को लाया गया है।
दोहा और ताजिकिस्तान से आईं उड़ानें 222 यात्रियों के साथ आधी रात को दिल्ली पहुंची हैं जबकि काबुल से 168 यात्रियों को लेकर भारतीय वायु सेना का एक विमान रविवार सुबह 10.30 बजे हिंडन एयरबेस पर उतरा है जिसमें 107 भारतीय नागरिक भी हैं।
अफगानिस्तान से अपनों की वतन वापसी का इंतजार कर रहे सैकड़ों भारतीय परिवार आज रक्षाबंधन का त्योहार खुशियों के साथ मना सकेंगे।
भारतीय वायु सेना का विमान काबुल से 168 यात्रियों को लेकर हिंडन एयरबेस पर उतरा
अमेरिकी सेना के सहयोग से 19 अगस्त की रात 300 भारतीयों को काबुल एयरपोर्ट से कतर एयरवेज के जरिए दोहा भेजा गया था जहां उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया गया।
इन सभी 300 भारतीयों को दोहा से एयर इंडिया, एयर विस्तारा और इंडिगो की फ्लाइट्स से भारत पहुंचाया जा रहा है।
शनिवार की रात 1.04 बजे कतर में भारतीय दूतावास ने ट्वीट करके जानकारी दी कि 135 भारतीयों के दल का पहला जत्था दोहा से आज रात भारत भेजा जा रहा है।
दूतावास अधिकारियों ने कॉन्सुलर और लॉजिस्टिक्स सहायता सुनिश्चित कराई ताकि सुरक्षित वापसी हो।
भारतीय दूतावास ने कतर और संबंधित प्रशासन को उड़ान सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया है।
दोहा से 135 भारतीयों को लेकर यह फ्लाइट भारत पहुंच चुकी है।
इसके अलावा रविवार देर रात ताजिकिस्तान से 87 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विमान नई दिल्ली पहुंचा है।
इन सभी यात्रियों को काबुल से लेकर शनिवार दोपहर भारतीय वायु सेना के सी-130जे परिवहन विमान ने उड़ान भरी थी और ईंधन भरने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में उतरा था।
अब इन सभी को दुशांबे से एयरइंडिया की फ्लाइट से भारत लाया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि एयर इंडिया की उड़ान संख्या 1956 से 87 भारतीयों को ताजिकिस्तान से नई दिल्ली लाया गया है जिसमें दो नेपाली नागरिक भी हैं।
इन भारतीयों को स्वदेश लाने में दुशांबे स्थित हमारे दूतावास ने सहायता की है।
काबुल एयरपोर्ट पर शनिवार को बोर्डिंग से पहले अफगानी मीडिया ने 150 भारतीयों के अपहरण की अफवाह फैला दी जिसे बाद में तालिबान ने खुद ही झुठला दिया।
बाद में भारत सरकार के सूत्रों ने भी सभी भारतीयों के सुरक्षित और काबुल हवाई अड्डे के पास एक गैरेज में मौजूद होने की पुष्टि की।
भारतीय राजनयिकों के हस्तक्षेप के बाद शनिवार शाम को सभी भारतीय नागरिकों को छह से अधिक बसों के जरिये हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के तकनीकी क्षेत्र में लाया गया जहां वायुसेना का कार्गो प्लेन सी-17 ग्लोबमास्टर खड़ा था।
सभी यात्री अमेरिकी सेना की कड़ी सुरक्षा के बीच सफलतापूर्वक वायुसेना के विमान में सवार हो गए जिसमें भारतीय नागरिक और अफगान सीनेटर अनारकली होनारयार, अफगान सांसद नरेंद्र सिंह खालसा और 23 अफगान सिख शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने रात 1.21 बजे ट्वीट किया कि ‘बचाव अभियान जारी है और अफ़ग़ानिस्तान से भारतीयों को घर लाया जा रहा है।
उन्होंने काबुल में भारतीयों की बोर्डिंग होने के बाद 09 सेकेण्ड का एक वीडियो शेयर किया जिसमें अपने घर की यात्रा पर निकले भारतीय ख़ुशी में भारत माता की जय का उद्घोष करते दिख रहे हैं।
168 यात्रियों को लेकर भारतीय वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर ने भारतीय समयानुसार रात 1.30 बजे काबुल से उड़ान भरी।
वायुसेना का यह विमान रविवार सुबह 10.30 बजे सुरक्षित हिंडन एयरबेस पर उतरा है जिसमें 107 भारतीय नागरिक भी हैं।
काबुल से हिंडन एयरबेस पहुंचे सिख अफगान सांसद नरेंद्र खालसा मीडिया से बात करते हुए काफी भावुक हो गए और रोने लगे। उन्होंने कहा- अफगानिस्तान हमारी जमीन है, हमारी मां है।
उन्होंने कहा कि आप सभी लोग जानते हैं कि अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। हमें तालिबान पर बिलकुल भी भरोसा नहीं है, इसलिए हम सभी भारत आ गए हैं। हम भारत सरकार के शुक्रगुजार है कि इस मुश्किल वक्त में उन्होंने हमारी मदद की।
इसी तरह भारत पहुंचीं अफगान सीनेटर अनारकली ने कहा- आई लव इंडिया, लेकिन अपना देश छोड़ना आसान नहीं है।