श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर से आंतकवाद को जड़ से मिटाने के लिए सुरक्षाबलों की कोशिशें जारी हैं। लगातार आतंकवादियों के खिलाफ ऑफरेशन चलाए जा रहे हैं।
इस साल में अब तक 85 से अधिक आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। हालांकि पहले की तुलना में यह संख्या काफी कम है।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह इसका कारण घाटी में स्थानीय युवाओं के आतंकी समूहों में शामिल होने में आई कमी को मानते हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो सुरक्षाबलों के द्वारा लगभग हर दिन कम से कम एक आतंकवादी को मार गिराया जा रहा है।
रविवार सुबह कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने रविवार सुबह दक्षिण कश्मीर जिले के मुनंद इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया।
सुरक्षाबल जब इलाके में तलाश अभियान चला रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं।
जवाबी कार्रवाई के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ अभी जारी थी।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में शनिवार को हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीन अज्ञात आतंकवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ में सेना का एक जवान घायल हुआ है।
उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा के सुंबलर इलाके में शोखबाबा जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षा बलों ने वहां घेराबंदी कर तलाश अभियान चलाया।
तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की जिसका समुचित उत्तर दिया गया।
इसके बाद अभियान मुठभेड़ में बदल गईस दौरान तीन आतंकवादी मारे गए।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के सोपोर इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच रातभर चली मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने गुरुवार को सोपोर के वारपोरा इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान चलाया।
अधिकारी ने बताया कि प्रत्येके घर की तलाशी के दौरान आतंकवादियों के ठिकाने का पता चला और उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा गया।
उन्होंने बताया कि आंतकवादियों के सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाने से अभियान मुठभेड़ में तब्दील हो गया।
सुरक्षा बलों ने भी गोलीबारी का माकूल जवाब दिया। अभियान में दो आतंकवादी मारे गए। सुरक्षाकर्मियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
शोपियां जिले में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी मारे गए।
इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम न सिर्फ सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए बल्कि आम नागरिकों की हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों में से एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम के रूप में हुई है।
2017 से पुलिस, सुरक्षा बलों तथा आम नागरिकों की हत्या सहित कई आतंकवादी घटनाओं में वह लिप्त था।
दूसरे आतंकवादी की पहचान माजिद इकबाल के तौर पर हुई है। जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक 86 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षाबलों से संयुक्त ऑपरेशन में मारे जाने वालों में लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल, जैश-ए-मुहम्मद जैसे संगठनों के आतंकवादी शामिल हैं।
आपको बता दें कि घाटी में मारे गए आतंकवादियों में सबसे ज्यादा लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शामिल हैं।