सुकमा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की बैठक के चलते जंगलो में मौजूद छोटे छोटे आदिवासी गांवों में कोरोना का संक्रमण फैलने लगा है।
पुलिस का कहना है कि सुकमा के आदिवासी गांव कर्मागोंडी में नक्सलियों की मीटिंग के बाद 91 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, जिन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
इस गांव में 21 मई से लेकर 27 मई तक कुल 239 टेस्ट किए गए, जिसमें से 91 लोग पॉजीटिव पए गए हैं। इस गांव से एक महिला को प्रसूति के लिए जिले के सरकारी अस्पताल ले जाया गया था।
जब महिला कोविड से संक्रमित मिली और नक्सल प्रभावित गांव में कई लोगों कोविड के लक्षण दिखाई दिए, उसके बाद गांव मे जांच करने स्वास्थ्य अधिकारी गए। जब 120 घरों के छोटे से गांव मे 7 दिनों के भीतर 239 टेस्ट किए गए, उसमे से 91 लोग पॉजिटिव पाए गए।
बस्तर पुलिस ने बताया कि जांच में सामने आया है कि इस गांव से लगे हुए जंगल में नक्सलियों ने कुछ दिनों पहले तेंदूपत्ता को लेकर एक मीटिंग की थी।
इसके बाद लोगों में संक्रमण सामने आया। कुकनार के गांव में नक्सली मीटिंग हुई थी, उसके बाद गांव के लोग संक्रमित मिले।
पुलिस का दावा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सली संगठन में कोरोना फैल चुका है और इसके चलते अभी तक कई लोगों की मौते हो चुकी है।
नक्सलियों के बड़े लीडर जैसे डिविजनल कमेटी मेंबर, नक्सलियों की सेंट्रल रीजनल कमांड और बटालियन में कई नक्सली बीमार हैं।
27 मई को नक्सलियों की बटालियन नंबर 1 में नक्सली लीडर हिड़मा के करीबी और नक्सलियों के टेक्निकल टीम के प्रमुख आयत कोरसा की तेलंगाना के एक अस्पताल में मौत हो गई।
इसे छोड़कर वापस लौट रहे 3 नक्सलियों को जब तेलंगाना की भद्रादि कोठेगुडेम पुलिस ने विस्फोटक से भरी कार के साथ सर्चिंग में पकड़ा, तब इसका खुलासा हुआ।