NEET Paper Leak : बिहार (Bihar) की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) नीट पेपर लीक (NEET Paper Leak) मामले के सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। जांच में सेटरों के कई गिरोहों की सक्रियता सामने आई है।
इसमें सिकंदर प्रसाद यादवेंदु से लेकर आयुष कुमार, अखिलेश कुमार, बिट्टु कुमार, अमित आनंद, डॉ. शिव कुमार और उसके पिता समेत 12 अन्य लोग बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के जांच के दायरे में हैं।
इन सेटरों ने संपर्क साधकर अलग-अलग अभ्यर्थियों से पैसे लेकर प्रश्न-पत्र (Questions) दिए थे।
इन्होंने संयुक्त रूप से पटना के रामकृष्णा नगर, खेमनीचक में मौजूद लर्नड प्ले स्कूल और लर्न ब्यॉज हॉस्टल को प्रश्न-पत्र रटवाने का ठिकाना बनवाया था। यहीं 35 से 40 अभ्यर्थियों को एकत्र किया गया था।
इस प्रकार बनाया गया था प्लान
यादवेंदु अपने बेटे के अलावा संबंधी सह अभ्यर्थी अनुराग यादव और कुछ अन्य परिचित के बच्चे को प्रश्न-पत्र रटवाने के लिए यहां लेकर आया था। सिकंदर के यहां 3 से 4 अभ्यर्थी थे।
बताया जाता है कि उसके अभ्यर्थियों की फेहरिस्त में कुछ आलाधिकारियों के बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि इसके बारे में स्पष्ट रूप से अब तक कोई खुलासा नहीं हुआ है।
EOU की SIT के स्तर से आगे की जांच में सेटरों की इन परतों के ऊपर इन्हें प्रश्न-पत्र सप्लाई (Question Paper Supply) करने वाले दो मुख्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी मिली है।
इसमें वैशाली के रहने वाले दो प्रमुख सेटर अतुल वत्स्य और अंशुल सिंह शामिल हैं।
प्रश्न-पत्र कहां से लीक हुआ?
ये दोनों फिलहाल जांच एजेंसी की पकड़ से बाहर हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि ये दोनों बिहार के बाहर महाराष्ट्र में कहीं रहते हैं।
इनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ से यह पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा कि प्रश्न-पत्र कहां से लीक हुआ और इसे बिहार में किन-किन लोगों तक पहुंचाया गया था।
इन दोनों मुख्य सेटरों के गिरफ्त में आने के बाद बिहार के बाहर मौजूद इनके सभी संपर्क सूत्र का खुलासा हो जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि व्हाट्सएप के माध्यम से बिहार में प्रश्न-पत्र सप्लाई करने में इन दोनों की भूमिका बेहद अहम रही है।
कुछ सेटरों का ग्रुप महाराष्ट्र के कुछ शहरों के अलावा बेंगलुरु में बैठकर पैसा लेकर सेटिंग करता है। इनकी जद तक भी पहुंचने की तैयारी की जा रही है।