नई दिल्ली: भारत में कोरोना की तिसरी लहर कमजोर पड़ रही है, लेकिन फिलहाल लोगों को मास्क से जल्दी राहत मिलने वाली नहीं है। इस बीच दुनिया के कई देशों लोगों को मास्क से भी आजादी मिल गई है।
इनमें अमेरिका, चीन, न्यूजीलैंड, इजरायल तथा होआई जैसे देश शामिल हैं जहां मास्क पहनना अब अनिवार्य नहीं रह गया है। अमेरिका में मई के महीने में ही लोगों को मास्क से आज़ादी मिल गई।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा था कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज़ ले ली है उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है।
हालांकि एडवाइजरी में ये भी कहा गया कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे कि बस, ट्रेन और हवाई जहाज में दो डोज़ की वैक्सीन लगाने के बाद भी लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य है।
चीन में ही कोरोना का सबसे पहला मामला मिला था। और चीन ने ही सबसे पहले कोरोना को हरा कर लोगों को मास्क न पहने की आज़ादी दिला दी।
हालांकि अब भी ही लोगों को ऐसी जगह मास्क लगाने के लिए कहा जाता है जो हवादार नहीं है। इसके अलावा यहां हॉस्पिटल और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क पहनना अनिवार्य है।
न्यूज़ीलैंड में पिछले एक साल से प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कोविड -19 महामारी के खिलाफ शानदार काम किया है। उनकी हर जगह तारीफ हो रही है। अब यहां मास्क लगाना जरूरी नहीं है।
न्यूज़ीलैंड में पिछले दिनों सिर्फ 2,658 कोविड -19 मामले और 26 मौतें दर्ज की गई थी।
कुछ दिन पहले ही ऑकलैंड में एक कॉन्सर्ट का आयोजन किया गया था, जिसमें बिना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के करीब 50,000 लोगों ने हिस्सा लिया था।
इजराइल में इस साल अप्रैल से ही देश को कोरोना फ्री घोषित कर दिया गया। अब तक यहां 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग गई है। अब यहां मास्क पहनना जरुरी नहीं है।
24 अप्रैल के बाद यहां कोरोना का कोई नया मामला सामने नहीं आया है। भूटान की सीमा भारत और चीन से लगी है।
इसके बावजूद यहां कोरोना के चलते लॉकडाउन नहीं लगाया गया। यहां 90 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग गई है।
भूटान में कोरोना से सिर्फ 1 मौत हुई। जबकि यहां कोरोना के महज 1309 मामले सामने आए। होआई में भी मस्क पहनना जरूरी नहीं है।
करीब 57 फीसदी लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज़ लग गई है। यहां खेल के मैदान भी खोल दिए गए हैं।