नई दिल्ली: संसद में अन्य पिछड वर्ग (ओबीसी) आरक्षण सूची तैयार करने का अधिकार राज्यों को देने वाले बिल पर बहस के दौरान यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना कराने की मांग उठाई।
उन्होंने आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को भी खत्म करने की मांग भी की।
अखिलेश ने उत्तर प्रदेश से आने वाले बीजेपी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप लोग भी मानते होंगे कि आरक्षण की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन शायद मंत्री पद मिलने के चलते ऐसा न कहें। लेकिन पिछड़ों का विकास एक या दो लोगों को मंत्री पद मिलने से नहीं होता है बल्कि सभी को रोजगार के अवसर मिलने से होता है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यदि यह सरकार जातिगत आधार पर जनगणना नहीं कराती है तो फिर यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर हम ऐसा कराएंगे।
उन्होंने कहा कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में लोगों को भ्रमित करने का काम करती रही है। अखिलेश ने कहा, ‘इनकी सरकार को पिछड़ों ने ही बनाया था।’
अखिलेश यादव ने कहा कि यह हमारे समाज की सच्चाई है कि जाति की सीमा में रहकर ही हम काम करते हैं। हमारी मांग है कि सामाजिक न्याय के लिए आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को खत्म किया जाना चाहिए।
समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि हमारे चाहे जितने सांसद बने हों, लेकिन अगली सरकार यूपी में हमारी ही बनने वाली है।
अखिलेश यादव ने कहा कि सोशलिस्टों ने नारा दिया था, ‘संसोपा ने बांधी गांठ, पिछड़े पावें सौ में साठ।’ आज मैं उस नारे को दोहराते हुए आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से आगे बढ़ाने की मांग करता हूं।
बता दें कि अखिलेश यादव से पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग की थी।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘कांग्रेस ने ओबीसी से संबंधित संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए मंगलवार को आरक्षण की 50 फीसदी सीमा को भी हटाए जाने की मांग की।’