Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने अपने फैसले में कहा है कि बहू द्वारा सास ससुर की उचित देखभाल नहीं करना कतई क्रूरता नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पति को पत्नी से तलाक देने से मना कर दिया।
High Court ने कहा कि यह मामला और भी कमजोर हो जाता है, जब पत्नी पर आरोप लगाने वाला पति खुद अपने मां-बाप से अलग रहता है। अदालत ने इसके साथ ही मुरादाबाद परिवारिक कोर्ट के प्रिंसिपल जज के फैसले को भी बरकरार रखा है।
दरअसल, ज्योतिष चंद्र थपलियाल पूर्व में पुलिस अधिकारी रहे हैं। उनकी शादी देवेश्वरी थपलियाल से हुई थी।
काम के सिलसिले में वे अपने माता-पिता से अलग रहते थे। इस दौरान वे चाहते थे कि उनकी पत्नी उनके साथ रहने की वजह सास ससुर के साथ रहे। लेकिन पत्नी देवेश्वरी चाहती थी कि वह अपने पति के ही साथ ही रहें।
पत्नी माता-पिता की उचित देखभाल नहीं करती
आरोपों के मुताबिक थपलियाल ने मुरादाबाद की फैमिली कोर्ट में पत्नी से तलाक का मुकदमा दाखिल किया।
इसमें आरोप लगाया कि पत्नी उनके माता-पिता की उचित देखभाल नहीं करती। इसी आधार पर तलाक की अर्जी को मंजूर की जानी चाहिए। मामले में सुनवाई के बाद मुरादाबाद की फैमिली कोर्ट ने पति थपलियाल की अर्जी को खारिज कर दिया।
Family Court ने आदेश में कहा था कि पति खुद अपने माता-पिता के साथ नहीं रहता।
ये तलाक का आधार नहीं
इसके बाद पत्नी द्वारा उनके साथ रहने से इंकार करना पति की मनमर्जी के मुताबिक उनकी उचित देखभाल न करना कतई क्रूरता नहीं कहलाएगा और ना ही तलाक का आधार बनेगा। मुरादाबाद की फैमिली कोर्ट में साल 2008 में थपलियाल की अर्जी को खारिज कर दिया था।
इसके बाद थपलियाल ने मुरादाबाद फैमिली कोर्ट के फैसले को Allahabad High Court में फर्स्ट अपील के जरिए चुनौती दी थी।
उन्होंने अपील में अदालत से फैसले को रद्द कर तलाक को मंजूर किए जाने की गुहार लगाई। High Court में मामले की सुनवाई जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डोनाडी रमेश की डिवीजन बेंच में हुई।