नई दिल्ली: राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर बनाए जाने को चुनौती देने वाली दूसरी याचिका सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की है।
वकील प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राकेश अस्थाना के रिटायर होने के चार दिन पहले दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया गया।
ये नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि कम से कम छह महीने की नौकरी बाकी हो।
याचिका में कहा गया है कि यूपीएससी में दिल्ली पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के लिए कोई पैनल गठित नहीं किया गया। इसके अलावा कम से कम दो साल के कार्यकाल के मापदंड का भी उल्लंघन किया गया।
उल्लेखनीय है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ वकील मनोहर लाल शर्मा ने भी याचिका दायर की है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पद खाली होने की सूचना तीन महीने पहले यूपीएससी को दी जाए।
अस्थाना के रिटायर होने के चार दिन पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के पद पर नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रक्रिया पूरी हुए बिना ही सरकार ने अचानक अस्थाना की नियुक्ति कर दी। याचिका में अस्थाना की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई है।