गुरुग्राम: कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद जहां लोग राहत की सांस लेते हैं, वहीं गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद मेदांता अस्पातल में भर्ती सजायाफ्ता कैदी राम रहीम को अटेंडेंट की सुविधा नहीं मिलेगी। अब अस्पताल में गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत उससे नहीं मिल सकेगी।
हनीप्रीत ने सोमवार को 15 जून तक का अटेंडेंट के रूप में कार्ड बनवाया था, लेकिन कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होते ही गुरमीत राम रहीम को सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि नार्मल रूम में राम रहीम को कोई अटेंडेंट नहीं मिलेगा।
साध्वी यौन शोषण और हत्या मामले के सजायाफ्ता गुरमीत सिंह को 15वें फ्लोर के रूम नंबर 4421 में शिफ्ट कर दिया गया है।
गौरतलब है कि दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहे गुरमीत सिंह को पेट दर्द को शिकायत में बाद रविवार दोपहर 11:55 पर रोहतक के सुनारिया जेल से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में एडमिट करवाया गया था।
आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट में दुष्कर्म और हत्या के सजायाफ्ता गुरमीत सिंह की रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। 25 अगस्त 2017 से राम रहीम जेल में है।
पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम को साध्वियों से रेप के मामले में दोषी करार दिया था।
16 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
गुरमीत राम रहीम सिंह का जन्म 15 अगस्त 1967 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गुरुसर मोदिया में जाट सिख परिवार में हुआ।
इन्हें महज सात साल की उम्र में ही 31 मार्च 1974 को तत्कालीन डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह जी ने यह नाम दिया था।
23 सितंबर 1990 को शाह सतनाम सिंह ने देशभर से अनुयायियों का सत्संग बुलाया और गुरमीत राम रहीम सिंह को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।
गुरमीत राम रहीम सिंह अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। डेरा प्रमुख की दो बेटियां और एक बेटा है।