Bengal government ‘knocked’ the door of Supreme Court : पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है।
उसने राज्यपाल द्वारा 8 विधेयकों पर स्वीकृति न देने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया। राज्य सरकार का कहना है कि यह बंगाल के निवासियों को प्रभावित कर रहा है, जिनके कल्याण के लिए विधेयक पारित किए गए थे।
पश्चिम बंगाल राज्य ने अनुच्छेद 32 के तहत दायर रिट याचिका (Writ Petition) में तर्क दिया कि राज्यपाल द्वारा बिना कोई कारण बताए विधेयकों पर स्वीकृति न देना संविधान के अनुच्छेद 200 के प्रावधानों के विपरीत है।
राज्य की ओर से पेश एडवोकेट आस्था शर्मा ने शुक्रवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया। CJI ने अनुरोध पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की।
राज्य ने बताया कि राज्यपाल की चूक ने लोकतांत्रिक सुशासन को पराजित और नष्ट करने की धमकी दी और विधेयकों के माध्यम से लागू किए जाने वाले कल्याणकारी उपायों के लिए राज्य के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन किया।