नई दिल्ली: महामारी कोविड-19 के घातक वायरस के दुष्प्रभाव का दंश पूरी दुनिया ने सहा। अब भारत में कोरोना की तीसरी लहर की चर्चा है।
अमेरिका में एक बार फिर से एक लाख से ज्यादा मरीज़ अस्पताल में भर्ती हैं। ये इस साल जनवरी के बाद का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
यूरोप में भी कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। भारत में भी विशेषज्ञ तीसरी लहर को लेकर बार-बार आगाह कर रहे हैं। कोरोना को मात देने के लिए एकमात्र हथियार वैक्सीन है।
भारत में भी लोगों को तेज़ी से वैक्सीन की डोज़ लगाई जा रही है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या 31 दिसंबर तक देश के सभी वयस्कों को वैक्सीन की डोज़ लग जाएगी? दो दिन पहले यानी 27 अगस्त को देश में एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई।
ये अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इससे पहले 16 अगस्त को एक दिन में 88,13,919 वैक्सीन की डोज़ लगाई गई थी। लेकिन इस साल के आखिर तक सभी को वैक्सीन देने का वादा पूरा करने के लिए सरकार को रफ्तार और बढ़ानी होगी।
देश में लगभग 94 करोड़ वयस्क आबादी है और उन्हें पूरी तरह से टीकाकरण के लिए 188 करोड़ वैक्सीन के खुराक की आवश्यकता है।
दरअसल भारत में जो तीन वैक्सीन इस वक्त लगाई जा रही उनकी दो डोज़ लोगों को अलग-अलग अंतराल पर दिए जा रहे हैं।
ये तीन वैक्सीन हैं- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूसी वैक्सीन स्पुतनिक वी।
वैक्सीन के ताज़ा आंकड़ों पर नज़र डालें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 62.29 करोड़ लोगों को वैक्सीन की डोज़ लगाई जा चुकी है।
हिसाब लगाया जाए तो 51 फीसदी वयस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज़ लग चुकी है।
इनमें से 29.55 फीसदी को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है। यानी वयस्क आबादी में करीब 15 फीसदी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है।
इन आंकड़ों से ये साफ है कि भारत को वैक्सीन की रफ्तार बढ़ानी होगी। 28 अगस्त से लेकर 31 दिसंबर तक यानी 126 दिनों के अंदर भारत को 125.75 करोड़ वैक्सीन की डोज़ लगाई होगी।
तभी 31 दिसंबर 2021 तक की डेड लाइन पूरी हो सकती है। यानी हर रोज़ वैक्सीन की एक करोड़ डोज़ लगानी होगी 7 अगस्त को केंद्र सरकार ने देश को आश्वासन दिया था कि अगस्त से दिसंबर तक ‘मेड इन इंडिया’ टीकों- कोविशील्ड और कोवैक्सिन की कम से कम 136 करोड़ खुराकें मिलेंगी। हर महीने 25.65 करोड़ खुराक मिलेंगे।
इसके अतिरिक्त भारतीय दवा फर्म जेडियस कैडिला से और रूसी स्पुतनिक वी वैक्सीन के भारतीय उत्पादन के माध्यम से कम से कम 5 करोड़ टीके मिलने जा रहे हैं।
जेडियस कैडिला के तीन-शॉट कोविड वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी मिल गई है।
कंपनी को इस वर्ष कम से कम 2.5 करोड़ वैक्सीन खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है