नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे की गिरफ्तारी को लेकर सियासत गर्म हैं। बीजेपी अपने नेता के पक्ष में खुलकर आ गई है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस संविधान का उल्लंघन बताकर कहा है कि हम इससे डरने वाले नहीं है।
उधर पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राणे की गिरफ्तारी को लोकतंत्र की हत्या बताया।
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने मामले पर कहा, महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है।
इस तरह की कार्यवाही से ना हम डरने वाले हैं, ना ही दबने वाले हैं। भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है।
पात्रा ने कहा, यह गंभीर मामला और चिंता का विषय है। यह लोकतंत्र की हत्या है।
उन्होंने कुछ शब्द इसतरह के जरूर कहे होंगे,जिससे बचा जा सकता है। लेकिन क्या उद्धव सरकार की यहीं सहनशीलता है,क्या यहीं कानून है?’
महाराष्ट्र के कुछ मंत्री कह रहे हैं कि कानून का पालन करना होगा, लेकिन क्या बीजेपी के दफ्तरों पर पत्थरबाजी कानून है? क्या लोगों की जान को जोखिम में डालना ही कानून है? एक मंत्री पर 30-40 एफआईआर करना क्या कानून है? पात्रा ने उद्धव सरकार के मंत्रियों पर केस दर्ज होने का हवाला देकर कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार के 42 में 27 मंत्रियों के खिलाफ केस दर्ज है।
अनिल देशमुख पर वसूली के आरोप है, अनिल परब पर भी कई आरोप हैं। क्या उनलोगों की गिरफ्तारी हुई, क्या उनके घर तक पुलिस गई?’
पात्रा ने शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत हर दिन कैसे-कैसे बयान देते हैं।
महिलाओं पर उनके इसतरह के बयान हैं कि मैं बोल भी नहीं सकता, क्या उनपर कारर्वाई हुई? पात्रा ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है और भारत की जनता इस देख रही है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे को लेकर पर आपत्तिजनक बयान दिया था।
इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया नारायण राणे को रत्नागिरी के चिपलून में अरेस्ट कर लिया गया है।