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ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी दो दिवसीय यात्रा पर पहुंचे भारत

ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी (David Lammy) बुधवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए।

British Foreign Minister David Lammy arrives in India: ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी (David Lammy) बुधवार को दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए।

लैमी और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और Britain में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों पर भारत की चिंताओं पर चर्चा होने की उम्मीद है।

दोनों के बीच रूस और यूक्रेन जंग और मध्य पूर्व की स्थिति समेत गंभीर वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।

विदेश मंत्रालय ने अपनी Post में कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी का नई दिल्ली पहुंचने पर हार्दिक स्वागत। उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी।

इसके साथ ही भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध और मजबूत होंगे। बता दें कि ब्रिटेन में नए PM कीर स्टार्मर की लेबर सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत होगी।

ब्रिटिश विदेश मंत्री भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात कर सकते हैं, दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक दोनों पक्ष पहले ही करीब 90 फीसदी व्यापार समझौते पर सहमत हो चुके हैं, लेकिन बचे हुआ 10 फीसदी में Automobile और स्कॉच व्हिस्की पर आयात शुल्क और व्यापारिक लोगों के लिए वीजा जैसे कई पेचीदा मुद्दे शामिल हैं।

हालांकि, दोनों पक्ष जल्द बातचीत खत्म करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि PM नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर के बीच छह जुलाई को फोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों ने ही FTA का मुद्दा उठा था।

भारत सरकार के एक रीडआउट में कहा गया है कि दोनों नेता पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की दिशा में काम करने पर सहमत हो गए हैं।

PM मोदी से फोन पर बातचीत के बाद ब्रिटेन PM Starmer ने कहा कि वह एक ऐसे समझौते को खत्म करने के लिए तैयार हैं जो दोनों पक्षों के लिए काम करेगा। विदेश मंत्री जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री लैमी के बीच बातचीत में भारत-ब्रिटेन रोडमैप के कार्यान्वयन की समीक्षा करने की उम्मीद है, जो कई क्षेत्रों में संबंधों को व्यापक आधार देना चाहते हैं।

2021 में, भारत और यूके ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और लोगों से लोगों के बीच कनेक्शन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार करने के लिए 10 साल का रोडमैप बनाया।

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