Relief to Employed People: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को आयकर प्रावधानों में कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी। मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव बजट में रखा गया।
वित्त मंत्री की इन घोषणाओं को नौकरीपेशा लोगों (Employed People) के हाथ में कुछ और पैसा देने की कोशिश माना जा रहा है। इससे खपत को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
सीतारमण ने कहा कि बजट में किये गये बदलावों से नई कर व्यवस्था अपनाने वाले कर्मचारियों को 17,500 रुपये तक की कर बचत हो सकती है।
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये सालाना करने का प्रस्ताव किया गया है। इसी तरह पेंशनधारकों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये का भी प्रस्ताव है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘इस कदम से लगभग चार करोड़ कर्मचारियों और पेंशनधारकों को राहत मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में दो-तिहाई से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को चुना है। पिछले वित्त वर्ष (Financial Year) में 8.61 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये।
नई आयकर व्यवस्था के तहत कर के नए स्लैब एक अप्रैल, 2024 (आकलन वर्ष 2025-26) से प्रभावी होंगे।
सीतारमण ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट मिलती रहेगी।
प्रस्ताव के मुताबिक, तीन से सात लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, सात से 10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 10-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर लगेगा।
हालांकि, 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर पहले की तरह 30 प्रतिशत कर लगता रहेगा।
नई आयकर व्यवस्था के मौजूदा प्रावधानों के तहत तीन से छह लाख रुपये तक की आय पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाता है। जबकि छह से नौ लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत कर लगता है।
वहीं, नौ से 12 लाख रुपये और 12 से 15 लाख रुपये के बीच की आय पर क्रमशः 15 प्रतिशत और 20 प्रतिशत कर लगता है। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगता है।