नई दिल्ली: नई शिक्षा नीति के तहत परिकल्पित लक्ष्यों को आगे बढ़ाने और सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा को समान और समावेशी बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने समग्र शिक्षा योजना के विस्तार को मंजूरी दी है।
समग्र शिक्षा योजना का विस्तार वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक के लिए किया जा रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि बुधवार को पीएम मोदी के नेतृत्व में केबिनेट ने ने 2.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ अगले 5 वर्षों के लिए लिए समग्र शिक्षा योजना के विस्तार को मंजूरी दी है।
शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुताबिक इस योजना में 11.6 लाख स्कूल, 15.6 करोड़ से अधिक छात्र और सरकार के 57 लाख शिक्षक और सहायता प्राप्त स्कूल शामिल हैं।
यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विजन को जमीनी स्तर पर अमल में लाने और आत्मनिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनईपी के अनुरूप, समग्र शिक्षा योजना के प्रत्येक घटक को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
इसके माध्यम से 21 वीं सदी के छात्रों को तैयार करने के लिए स्कूलों के साथ कौशल को एकीकृत किया जा सकेगा।
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समग्र शिक्षा योजना स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना है, जिसमें बिलकुल शुरूआती स्कूल से लेकर बारहवीं कक्षा तक के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
यह योजना स्कूली शिक्षा को एक निरंतरता मानती है और शिक्षा के लिए सतत विकास लक्ष्य के अनुसार है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह योजना न केवल आरटीई अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए सहायता प्रदान करती है। बल्कि एनईपी 2020 की सिफारिशों को भी सुनिश्चित कराती है।
इसके जरिए सभी बच्चों को एक समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंचाने का लक्ष्य है। यह शिक्षा बच्चों की विविध पृष्ठभूमि का ध्यान रखते हुए, बहुभाषी आवश्यकताओं, विभिन्न शैक्षणिक योग्यताओं के साथ बच्चे को सीखने भागीदार बनाती है।
इस योजना के तहत प्रस्तावित स्कूली शिक्षा के बुनियादी ढांचे के विकास, मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता, लिंग और समानता समावेशी शिक्षा, गुणवत्ता और नवाचार, शिक्षक वेतन के लिए वित्तीय सहायता, डिजिटल पहल, वर्दी, पाठ्यपुस्तक आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न मंत्रालयों, विकास एजेंसियों के साथ एक प्रभावी अभिसरण संरचना होगी।
व्यावसायिक शिक्षा का विस्तार कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और कौशल के लिए वित्त पोषण प्रदान करने वाले अन्य मंत्रालयों के साथ अभिसरण में किया जाएगा।
यहां न केवल स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए बल्कि स्कूल से बाहर के बच्चों के लिए भी सुविधाओं का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों और आईटीआई और पॉलिटेक्निक के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग किया जाएगा।
आंगनबाडी कार्यकतार्ओं के प्रशिक्षण के लिए मास्टर प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और ईसीसीई शिक्षकों के लिए सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण का प्रावधान भी इसमें है।