नई दिल्ली: केंद्र सरकार 10 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में विनिवेश की योजना बना रही है।
इसके लिए निजीकरण का रास्ता अपनाया जा सकता है या फिर सरकार इनमें अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। 2021-2022 के लिए 1.75 लाख करोड़ का विनिवेश लक्ष्य है।
जानकारी के मुताबिक सरकार इसके लिए ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) विकल्प भी इस्तेमाल कर सकती है। कैबिनेट सचिव ने रणनीतिक निवेश पर समय-सीमा व अन्य जानकारियां मांगी हैं।
नीति आयोग और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को उन पीएसयू की सूची बनाने को कहा है जिनमें हिस्सेदारी बेच सकते हैं।
इनमें नेवेली, हुडको, एमएमटीसी जनरल इंश्योरेंस कंपनी, न्यू इंडिया इंश्योरेंस शामिल हो सकती है।
इनके अलावा इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन, रेल विकास निगम सहित तीन पीएसयू में न्यूनतम हिस्सेदारी रखेगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष के बजट में सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था।
हालांकि महामारी की दूसरी लहर के कारण सरकार की यह योजना सफल होनी मुश्किल दिख रही है है।
पिछले कुछ वर्षों में सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाने के सरकार के कई लक्ष्य पूरे नहीं हो सके हैं।
वहीं, दूसरी ओर नीति आयोग ने विनिवेश संबंधी सचिवों की कोर समिति को उन सरकारी बैंकों के नाम सौंप दिए हैं जिनका विनिवेश प्रक्रिया के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष में निजीकरण किया जाना है।