नई दिल्ली: केंद्र सरकार मध्याह्न-भोजन (मिड-डे-मील) योजना के तहत 11.8 करोड़ छात्रों के खातों में सीधे वित्तीय सहायता भेजेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने एमडीएम योजना के खाना पकाने की लागत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से पात्र बच्चों को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इससे मध्याह्न भोजन कार्यक्रम को गति मिलेगी।
यह भारत सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम की दर से मुफ्त खाद्यान्न वितरण की घोषणा के अतिरिक्त है।
यह निर्णय बच्चों के पोषण स्तर को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और चुनौतीपूर्ण महामारी के समय में उनकी प्रतिरोधक क्षमता की रक्षा करने में मदद करेगा।
केंद्र सरकार इस उद्देश्य के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 1 हजार, 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान करेगी।
केंद्र सरकार के इस विशेष कल्याणकारी उपाय से देश भर के 11 लाख, 20 हजार सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले लगभग 11 करोड़, 80 लाख बच्चे लाभान्वित होंगे।