मुख्यमंत्री ने 2846 चयनित शिक्षकों को दिया नियुक्ति पत्र, बोले खोई गरिमा वापस लाने को आप लोग बढ़ाएं कदम

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मिशन रोजगार के तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से चयनित 2846 प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नियुक्ति पत्र वितरित किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि कॉलेजों की खोई गरिमा वापस लाने को आप लोग कदम बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री योगी, गुरुवार को लोकभवन में आयोजित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए नवचयनित 2,846 प्रवक्ता-सहायक अध्यापकों के नियुक्ति पत्र वितरण व ऑनलाइन पदस्थापना समारोह में अभ्यर्थियों से मुखातिब थे।

कहा कि राजकीय और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों के स्वर्णिम दिनों की वापसी के लिए शिक्षकों का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा है कि आज शासन, प्रशासन और राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे लोग, किसी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़कर नहीं आए, इन्हीं इंटर कॉलेजों में यह पौध तैयार हुई है।

आज इन शिक्षण संस्थानों के सामने अस्मिता बचाने की चुनौती है। इसमें सफलता के लिए शिक्षकों को ही आगे आना होगा।

उन्होंने कहा कि शिक्षक को हमेशा सीखते रहना चाहिए। विद्यार्थी भाव में रहेंगे तो योग्य शिक्षक बनेंगे।

उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य है कि आप लोगों ने जीवन में अपने लिए शिक्षक की भूमिका को चुना है।

अपनी महती जिम्मेदारी को समझें और एक ऐसी पीढ़ी तैयार करें जो आने वाले समय में राष्ट्र को नेतृत्व देने में समर्थ हो।

योगी ने कहा कि शिक्षक को शासन की नीतियों की जानकारी रखना जरूरी है। इससे आप अपने विद्यालयों में अच्छा कर सकते हैं, यूथ को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

कई बार सुनने को मिलता है कि छात्र कहता है कि हमको स्कॉलरशिप नहीं मिली, क्योंकि समय पर जानकारी नहीं मिली। शिक्षक इस समस्या का सरल समाधान हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को आवेदन से लेकर आज तैनाती तक किसी भी चरण में कहीं भी सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ी।

जब किसी भी सिफारिश की जरूरत नहीं हुई तो सरकार की भी आपसे एक अपेक्षा रखती है।

हर प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संपादित हुई है, इसीलिए सरकार एक स्वस्थ और सकारात्मक माहौल बनाने की आपसे अपेक्षा रखती है।

मिशन रोजगार की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले हर चयन प्रक्रिया में बेईमानी का घुन लग जाता था। युवा हताश और निराश थे, पलायन को मजबूर थे।

हर दिन बेईमानी और भ्रष्टाचार की नई कहानी लिखी जाती थी। हमारी सरकार आई तो अब योग्यता और मेरिट को सम्मान मिला।

उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विगत साढ़े चार साल में शैक्षिक परि²श्य में व्यापक परिवर्तन हुआ है।

एक समय था कि जब यूपी में परीक्षा केंद्रों की नीलामी होती थी। विद्यार्थी कोई और परीक्षार्थी कोई और। परीक्षा मजाक बन कर रह गई थी। नकल माफिया का आतंक था।

पाठ्य सामग्री के चयन तक में भ्रष्टाचार होता था। लेकिन योगी सरकार ने सीसीटीवी, स्कूलों की चहारदीवारी, कंट्रोल रूम जैसे विशेष प्रयासों से परीक्षाओं की शुचिता बहाल की। अनियमित सत्र को नियमित किया।

बेसिक शिक्षक मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि वैसे तो योगी सरकार का यह कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में स्वर्णकाल की तरह जाना जायेगा।

आप जिस भी क्षेत्र की ओर देखेंगे कुछ नया अनुपम और अभूतपूर्व दिखेगा। पर नौकरी-रोजगार की ²ष्टि से यह कार्यकाल ऐतिहासिक रहा है।

आज के युग में भौतिक पूंजी से अधिक महत्व मानव संसाधन पूंजी का है। मिशन रोजगार के माध्यम से योग्यता और मेरिट को आधार बनाकर योगी इसी पूंजी को बढ़ा रहे हैं।

इतिहास में मुख्यमंत्री योगी को विकास पुरुष के साथ-साथ रोजगार पुरुष की संज्ञा से जाना जाएगा।