मुख्यमंत्री ठाकरे ने मंत्री आव्हाड के फैसले पर लगाई रोक

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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में इलाज करा रहे कैंसर रोगियों के रिश्तेदारों को अस्थायी आवास मुहैया कराने के लिए म्हाडा के 100 फ्लैट को हॉस्पिटल को हस्तांतरित किए जाने के गृह निर्माण मंत्री जीतेंद्र आव्हाड के फैसले पर रोक लगा दी है।

मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री का निर्णय महाविकास आघाड़ी सरकार में अनबन के रूप में देखा जा रहा है।

जीतेंद्र आव्हाड राज्य मंत्रिपरिषद में राकांपा कोटे से मंत्री हैं।

शिवड़ी विधानसभा क्षेत्र के शिवसेना विधायक अजय चौधरी ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि उन्होंने स्थानीय निवासियों की आपत्ति के बाद गृह निर्माण मंत्री आव्हाड के इस निर्णय के खिलाफ मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र लिखा था।

विधायक चौधरी ने पत्र में लिखा था कि जिस सोसाइटी में 100 फ्लैट टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को दिए गए हैं, वहां 700 परिवार रहते हैं।

गृह निर्माण विभाग के निर्णय से सोसाइटी में डर का माहौल है, इसलिए इस निर्णय को रद्द किया जाना चाहिए।

चौधरी ने बताया, “मैंने गृह निर्माण मंत्री को स्थानीय लोगों की आपत्तियों के बारे में कई बार जानकारी दी थी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।

इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से अनुरोध करते हुए पत्र लिखा। इसी वजह मुख्यमंत्री ने गृह निर्माण मंत्री आव्हाड के इस निर्णय पर रोक लगा दी है और मामले की जांच का आदेश दिया है।”

मंत्री आव्हाड ने टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में दूर-दराज से आने वाले कैंसर रोगियों के रिश्तेदारों को ठहरने के लिए महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (म्हाडा) के 100 फ्लैट हॉस्पिटल को दिए जाने का निर्णय लिया था। इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने विगत मई में हॉस्पिटल प्रबंधन को फ्लैट की चाबियां सौंपी थीं।

इन फ्लैटों के रखरखाव एवं इन्हें कैंसर मरीजों के रिश्तेदारों को आवंटित करने की जिम्मेदारी हॉस्पिटल को सौंपी गई थी।

मंत्री आव्हाड ने कहा था कि मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में देश के सभी क्षेत्रों से मरीज इलाज करवाने आते हैं।

इन मरीजों के रिश्तेदारों को मुंबई में रहने की जगह न मिलने से इन्हें हॉस्पिटल के बाहर सड़कों पर ही रहना पड़ता है।

इससे इनको भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से म्हाडा के 100 फ्लैट टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल को मुफ्त में देने का फैसला किया गया।

उल्लेखनीय है कि महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल तीनों प्रमुख दलों- शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस में इस समय तनाव की स्थिति बनी हुई है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के अपने बल पर चुनाव लड़ने संबंधी बयानबाजी के बाद शिवसेना और राकांपा नाराज हैं।

इसी प्रकार हाल ही में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस और राकांपा पर शिवसेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

सरनाईक ने शिवसेना को भाजपा के साथ अपने पुराने संबंध मधुर करने का भी सुझाव दिया है।

इन घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री ठाकरे द्वारा मंत्री आव्हाड के निर्णय पर रोक लगाने संबंधी कदम को महाविकास आघाड़ी में अनबन के रूप में देखा जा रहा है।