नई दिल्ली : संयुक्त अरब अमीरात में लगाई गई चीन वैक्सीन की दो डोज से लोगों में एंटीबॉडी नहीं बन रही है।
जिसके बाद चीनी वैक्सीन साइनोफार्म के प्रभावी होने पर संशय पैदा हो गया है और वहां की सरकार ने चीनी वैक्सीन की दो डोज लगवाने वाले लोगों को तीसरा डोज लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।
यूएई के इस फैसले के बाद चीन की वैक्सीन की क्षमता को लेकर सवालों के बादल मंडराने लगे हैं।
गौरतलब है कि यूएई ने देश में तेजी से टीकाकरण के लिए चीनी कंपनी पर दांव लगाया था जो अब उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है।
यूएई के नैशनल इमरजेंसी क्राइसिस एंड डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉर्टी ने कहा, जिन लोगों को साइनोफार्म कोरोना वायरस वैक्सीन लगी है, उनके लिए एक अतिरिक्त सहायक डोज मौजूद है।
ऐसे लोगों के दूसरी डोज लेने के 6 महीने पूरे हो गए हैं।
चीनी कंपनी साइनोफार्म के ऊपर इस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन का हाथ है लेकिन अब इस वैक्सीन की कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी क्षमता पर ही सवाल उठने लगे हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यूएई ने कुछ ऐसे लोगों को कोरोना वायरस की तीसरी डोज लगाई है जिनके अंदर चीनी वैक्सीन लगाने के बाद एंटीबॉडी नहीं पैदा हुई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि चीनी कोरोना वायरस वैक्सीन की प्रभावी क्षमता सभी उम्र के लोगों पर करीब 79 प्रतिशत है।
इस बीच अन्य वैक्सीन निर्माता भी वैक्सीन के बूस्टर डोज को बनाने में लगे हुए हैं।