CJI D.Y Chandrachud Retirement: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) DY चंद्रचूड़ इस साल 10 नवंबर 2024 को रिटायर हो जाएंगे।
इसके बाद अगले 8 सालों तक सिर्फ एक CJI को छोड़कर, ऐसा कोई नहीं होगा, जिसका कार्यकाल 1 साल से ज्यादा का हो। सिर्फ जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) ऐसे होंगे, जो CJI की कुर्सी पर 2 साल से ज्यादा समय तक रहेंगे।
Justice JB Pardiwala भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में हैं। अगर मौजूदा वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन किया गया तो Justice Pardiwala 3 मई 2028 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेंगे। उनका कार्यकाल 2 साल और 3 महीने का होगा। 11 अगस्त 2030 तक इस पद पर रहेंगे। एक तरीके से Justice Pardiwala बतौर CJI, D Y चंद्रचूड़ के 2 साल के कार्यकाल को पीछे छोड़ देंगे।
एक और गौर करने वाली बात यह है कि जस्टिस पारदीवाला Supreme Court के इतिहास में चौथे ऐसे जज हैं, जो पारसी समुदाय से आते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि जस्टिस जेबी पारदीवाला का परिवार कई पीढ़ी से कानून के पेशे में रही है।
परदादा नवरोजजी भीकाजी पारदीवाला 1894 में वलसाड में वकालत की प्रैक्टिस किया करते थे। दादा कवासजी नौरोजजी पारदीवाला भी साल 1929 में प्रैक्टिस किया करते थे और बहुत मशहूर वकील थे।
जस्टिस जेबी पारदीवाला के पिता बुरजोर कवासजी पारदीवाला ने भी बार ज्वाइन किया और 1955 में प्रैक्टिस शुरू की। वह दिसंबर 1989 से मार्च 1990 तक गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे।
सुप्रीम कोर्ट में आने के बाद Justice पारदीवाला ने तमाम मशहूर फैसले दिए। उदाहरण के तौर पर EWS कोटा का मामला। पारदीवाला उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने बहुमत से EWS कोटे की वैधता बरकरार रखी थी। बेंच में शामिल जस्टिस पारदीवाला के अलावा जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस बेला त्रिवेदी फैसले के पक्ष में थीं।
जबकि जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस रविंद्र भट्ट इसके खिलाफ थे। इसके अलावा उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में Allahabad High Court के फैसले को बरकरार रखा।
अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के मस्जिद के सर्वे के फैसले के खिलाफ Supreme Court का दरवाजा खटखटाया था। Justice पारदीवाला उस बेंच का हिस्सा भी थे, जिसने BJP नेता और एडवोकेट नूपुर शर्मा को गिरफ्तारी से राहत दी थी।
जेबी पारदीवाला को 17 फरवरी 2011 को गुजरात हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया। फिर 28 जनवरी 2013 को उन्हें परमानेंट जज बना दिया गया। इस दौरान वह Gujarat State Judicial Academy के अध्यक्ष भी रहे। मुख्य तौर पर क्रिमिनल, सिविल, सर्विसेज और इनडायरेक्ट TAX से जुड़े मुकदमों की सुनवाई की।
हाईकोर्ट में करीब 10 साल सेवा देने के बाद 9 मई 2022 को पारदीवाला का सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज तबादला कर दिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस पारदीवाला अब तक 400 से ज्यादा आपराधिक मुकदमों, 250 से ज्यादा सर्विस मैटर्स, 200 से ज्यादा सिविल और डायरेक्ट टैक्स, 150 से ज्यादा GST से जुड़े मामलों की सुनवाई कर चुके हैं। जस्टिस जेबी पारदीवाला का जन्म 12 अगस्त 1965 को मुंबई में हुआ। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई St. Joseph’s Convent School में हुई।
इसके बाद साल 1985 में JP Arts College से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। फिर वकालत की पढ़ाई करने केएम लॉ कॉलेज, वलसाड चले गए। यहां से साल 1988 में एलएलबी की डिग्री ली।
इसके बाद साल 1989 में वलसाड में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। सितंबर 1990 में गुजरात हाईकोर्ट आ गए और यहां प्रैक्टिस करने लगे। पारदीवाला के करियर के लिए साल 2002 टर्निंग पॉइंट था। इसी साल सरकार ने उन्हें अपना स्टैंडिंग काउंसिल नियुक्त किया।
इस दौरान जस्टिस पारदीवाला को बार Council of India की डिसीप्लिनरी कमिटी का नामांकित सदस्य भी नियुक्त किया गया। वह बार काउंसिल ऑफ गुजरात द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित पत्रिका ‘गुजरात लॉ हेराल्ड’ के संपादक भी रहे। कानून के क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता अपने तरह की अलग किस्म की रही है।