प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने संगमनगरी में अपने आगमन को गौरव का विषय बताया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने इसी धरती से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ शांतिपूर्ण युद्ध की शुरुआत की थी।
उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए सस्ता एवं सहज न्याय दिलाने के प्रति कटिबद्ध हैं।
सीजेआई ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट का इतिहास डेढ़ सौ साल पुराना है।
यहां के न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी के निर्वाचन को रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला दिया था।
इस दौरान उन्होंने सच्चिदानंद सिन्हा, मोतीलाल नेहरू, महामना मदन मोहन मालवीय और जगमोहन लाल सिन्हा पर विचार व्यक्त किये।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने संगमनगरी की ऐतिहासिक पौराणिक पृष्ठभूमि बताते हुए झलवा स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को लेकर उम्मीद जताई कि यह विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने इसे कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जरूरी बताया और कहा कि यहां से शिक्षित युवा न्याय दिलाने में सक्षम होंगे।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने प्रयागराज को ऐतिहासिक शहर बताया।
साथ ही केंद्र सरकार की तरफ से न्यायपालिका को मजबूती देने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि ज्यूडिशियरी, लोअर ज्यूडिशियरी को मदद देने के लिए जो भी संसाधन मुहैया कराना होगा, वह हम कराएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्वागत सम्बोधन हाई कोर्ट के मुख्य कार्यवाहक न्यायाधीश एमएन भंडारी ने किया।
मंचासीन अतिथियों में राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विनीत सरन, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति विक्रमनाथ भी रहे।