नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह संसद के बाहर किसानों की हितैषी होने का ड्रामा कर रही है और सदन में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के मुद्दे पर चर्चा से इनकार कर रही है।
हरसिमरत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले ढाई सप्ताह से संसद चल रही है और हर दिन कांग्रेस पार्टी पेगासस जासूसी मुद्दे पर विशेष चर्चा की मांग कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को पंजाब के साथ-साथ देश के किसानों को बताना चाहिए कि वह संसद में उनकी आवाज उठाने से इनकार क्यों कर रही है और सिर्फ पेगासस जासूसी का मुद्दा उठाने पर जोर दे रही है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के साथ मिली भगत कर किसानों की आवाज दबाने का प्रयास किया है।
उन्होंने आगे कहा कि तीनों कृषि काले कानूनों को निरस्त करने की मांग उठाने के लिए सात दलों ने मांग की थी, लेकिन कांग्रेस ने संसद में विपक्षी दल होने के बावजूद इस पहल को वापस लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने सभी दलों से किसानों के मुद्दे को उठाने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया था, लेकिन कांग्रेस ने जवाब नहीं दिया।
बादल ने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार से डरती है और यही कारण है कि वह उसके हाथों की कठपुतली बन गई है तथा संसद में किसानों की आवाज उठाने से इनकार कर रही है।
इस बीच अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी के सांसद पूरे सत्र के दौरान किसानों को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर अपना विरोध तब तक जारी रखेंगे जब तक कि संसद में अन्नदाता की आवाज नहीं सुन ली जाती।