Congress MP Kumari Selja accused the government of Discrimination: लोकसभा में बुधवार को बजट को लेकर जमकर बहस हुई।
कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन से जुड़े विपक्षी दल ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए केवल दो राज्यों को सौगात देने का आरोप लगाया।
वहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसका विरोध करते हुए विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। इसी कड़ी में हरियाणा के सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने भी बजट को लेकर सरकार पर हमला बोला।
शैलजा ने आरोप लगाया कि बजट में जनता के हितों को अनदेखा किया गया है और सिर्फ खोखले वादों का सहारा लिया है। देश को असली विकास की जरूरत है, न कि सिर्फ आंकड़ों के खेल की।
उन्होंने कहा कि यह बजट देखकर लगता है कि कुछ पर मेहरबान और बाकियों को दरबान बना दिया है। हमारी सरकार में 72000 करोड़ रुपए का किसानों का कर्ज माफ किया था।
लेकिन आपको लगता है कि किसानों का कर्जा माफ करेंगे तो वह आलसी हो जाएंगे, पैदावार नहीं करेंगे, काम नहीं करेंगे। आज हर किसान औसतन 1.35 लाख रुपए के कर्ज में डूबा है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि मित्रों पर मेहरबानी और किसानों-मजदूरों से बेइमानी।
कुमारी शैलजा के इस आरोप पर Speaker ओम बिरला ने टोकते हुए सवाल किया कि क्या यह नाबार्ड का डेटा है…तो कांग्रेस सांसद ने स्पष्ट किया कि किसानों पर कर्ज का यह जो आंकड़ा इन्होंने पेश किया है। वह नाबार्ड की रिपोर्ट से ही लिया गया है।
बता दें कि लोकसभा की बैठक बुधवार को हंगामे के साथ शुरू हुई और विपक्षी सदस्यों ने राज्यों के बजटीय आवंटन का मुद्दा सदन में उठाने का प्रयास किया, लेकिन आसन से अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने सदन से वाकआउट किया, जिसके बाद सदन में कामकाज सुचारू तरीके से हुआ।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में प्रश्नकाल में किसी भी पक्ष के सदस्य को कोई अन्य विषय उठाने की इजाजत नहीं दी जाएगी और इस दौरान केवल प्रश्नकाल ही चलेगा।