नई दिल्ली: 19 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। संसद के अंदर मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी बड़ी रणनीतिक फेरबदल करने की योजना पर काम कर रही है।
संसद का सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी ने 14 जुलाई को अपनी संसदीय रणनीतिक समूह की एक बैठक बुलाई है।
संसद सत्र के शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
यह बैठक पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होनी है। यह बैठक वर्चुअल होगी जिसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
अब सवाल यह है कि पार्टी लोकसभा में इतनी बड़ी जिम्मेदारी किसे देगी? यूं तो इस लिस्ट में कई नामों को लेकर चर्चा है हालांकि, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या इस पद के लिए एक नाम राहुल गांधी भी हो सकते हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा था कि इस पोस्ट को लेकर सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की राहुल गांधी से बातचीत भी हुई है।
कई पार्टी नेता यह भी मानते हैं कि अगर राहुल गांधी इस पद को लेने के लिए मान जाते हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पार्टी के बाहर किसी अन्य को दी जा सकती है।
यह उन 23 नेताओं की भी मांग पूरी होने जैसा होगा, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में बदलाव की मांग की थी।
हालांकि, राहुल गांधी खुद इस पद के लिए तैयार होंगे या नहीं? यह कहना थोड़ा मुश्किल है।
हालांकि, कुछ अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि अधीर रंजन की जगह जी-23 के किसी नेता को लोकसभा में नेता विपक्ष बनाया जा सकता है।
इसी ग्रुप ने संगठनात्मक चुनाव समेत कई मुद्दों को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। साथ ही वो लंबे वक्त से पार्टी से नाराज चल रहे हैं।
अभी फिलहाल शशि थरूर, मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, रवनीत सिंह बिट्टू और उत्तम कुमार रेड्डी आदि के नाम पर विचार किया जा रहा है।
पार्टी आलाकमान इस ग्रुप के किसी बड़े नेता को लोकसभा में यह पद थमा कर अंदरुनी नाराजगी को भी दूर करने की कोशिश करेगी। पार्टी के रणनीतिक बदलावों में ‘वन मैन वन पोस्ट’ भी शामिल है।
दरअसल कई बड़ी पार्टियां अब अपनी पार्टी के अंदर ‘वन मैन वन पोस्ट’ के फॉर्मूले को लागू करना चाहती हैं।
इसके तहत पार्टी के जिस नेता के पास दो या दो से ज्यादा पद रहते हैं उनसे यह अतिरिक्त पद लेकर किसी अन्य नेता को दे दिया जाता है
राजनीतिक पार्टियां ऐसा मानती हैं कि इससे पार्टी के अंदर अंदरुनी कलह बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।
इस लिहाज से भी अगर देखा जाए तो कांग्रेस नेेता अधीर रंजन चौधरी अभी लोकसभा में कांग्रेस के चेहरे भी हैं और उनके पास बंगाल में कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी है।
ऐसे में अगर कांग्रेस ‘वन मैन वन पोस्ट’ के फॉर्मूले को पार्टी में लागू करती हैं तो अधीर रंजन चौधरी से कोई एक पद वापस लिया जा सकता है।