लखनऊ: अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी ताकत का अहसास कराने की तैयारी कर रही है।
कोरोना संक्रमण से हालात ज्यादा खराब नहीं हुए तो पार्टी सितबंर में प्रदेश स्तर का कार्यकर्ता सम्मेलन करेगी।
इसमें पूरे प्रदेश से कई लाख कार्यकर्ता जुटाने का मंसूबा है। ताकि दूसरे दलों और मतदाताओं को ताकत दिखाई जा सके।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाला यह सम्मेलन विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत होगा। मिशन 2022 के लिहाज से कांग्रेस का यह बड़ा दांव माना जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, हमारी कोशिश है कि इस सम्मेलन में पार्टी के ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाए।
सम्मेलन में प्रदेश के तमाम छोटे-बड़े नेता भी शामिल होंगे। यहीं चुनाव रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
पार्टी की अपनी ताकत दिखाने की तैयारी को गठबंधन से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
प्रदेश के कई समान विचारधारा वाले दल यह दलील देते रहे हैं कि कांग्रेस के पास कोई वोट बैंक नहीं है, ऐसे में समझौता करने से कोई फायदा नहीं है।
वह अगर गठबंधन के लिए तैयार भी होते हैं तो समझौते में पार्टी को ज्यादा सीट देना नहीं चाहते।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कह चुकी है कि भाजपा को हराने के लिए पार्टी को गठबंधन से इनकार नहीं है, पर परिस्थितियों के मुताबिक निर्णय लेंगे।
पार्टी के एक नेता कहते हैं कि हम लखनऊ में अपनी ताकत का अहसास कराने में कामयाब रहे, तो गठबंधन करने वाले दलों पर भी दबाव बढेगा। इससे हमारी हिस्सेदारी बढ़ेगी।
इस बीच, पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के सात सौ से अधिक शिविर लगाने की तैयारी कर रही है। यह शिविर अगले सप्ताह से शुरू हो जाएंगी।
पार्टी इन प्रशिक्षण शिविरों में कांग्रेस के इतिहास के साथ आरएसएस और भाजपा की सच्चाई भी बताएगी। वहीं, इन्हें बूथ मैनेजमेंट सिखाया जाएगा। क्योंकि, यूपी में पार्टी का बूथ मैनेजमेंट बेहद खराब है।