नई दिल्ली: महामारी कोरोना के घातक वायरस पर अंकुश लगाने के लिए टीकाकरण के बाद इसके संक्रमण की धीमी रफ्तार के चलते प्रदेश स्कूल फिर से खोलने लगे हैं।
बिहार, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश की सरकारें सीनियर कक्षाओं के स्कूल खोल चुकी हैं। कुछ जगह प्राइमरी के स्कूल भी खुले हैं।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों में बच्चों के लिए स्कूल खोलने की तैयारियां चल रही हैं।
हालांकि कुछ खबरों ने खतरे की घंटी बजा दी है। पंजाब हो या फिर हरियाणा, महाराष्ट्र हो या हिमाचल यहां बच्चे कोरोना पॉजिटिव मिल रही हैं।
इससे उन अभिभावकों की चिंता बढ़ी है जो बच्चों को स्कूल भेजना चाहते थे।
उत्तर प्रदेश में 16 अगस्त से (सीनियर क्लासेज), 1 सितंबर से जूनियर क्लासेज के स्कूल भी खुल सकते हैं।
महाराष्ट्र 17 अगस्त से (ग्रामीण इलाकों में कक्षा 5 से 12, शहरी में 8 से 12) तक के स्कूल खोलने जा रहा है।
कर्नाटक 23 अगस्त से (कक्षा 9 से 12), तमिलनाडु 1 सितंबर से (कक्षा 9 से 12), असम: 1 सितंबर से (सीनियर क्लासेज) और पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा के बाद (सीनियर क्लासेज) खोलने जा रहा है।
पंजाब में दो अगस्त से सभी कक्षाओं के स्कूल खोल दिए गए थे। नतीजा कुछ दिन बाद नजर आ रहा है।
लुधियाना के 2 स्कूलों में 20 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। अन्य छात्रों की जांच कराए जाने की तैयारी की जा रही है।
लुधियाना के अलावा होशियारपुर में 6, अबोहर में 3, नवांशहर में 2 और अमृतसर में एक स्टूडेंट को कोविड पॉजिटिव पाया गया है।
महाराष्ट्र में 15 जुलाई से कक्षा 8-12 तक के स्कूल खुले थे। अकेले सोलापुर जिले में 613 बच्चे कोविड संक्रमित पाए गए।
17 अगस्त से शहरी इलाकों में इन्हीं कक्षाओं के स्कूल खोलने की तैयारी है।
हरियाणा में 16 जुलाई से कक्षा 9-12 और 23 जुलाई से कक्षा 6-8 के लिए स्कूल खुले थे। फतेहाबाद के दो सरकारी स्कूलों में 6 बच्चे पॉजिटिव मिले हैं।
हिमाचल प्रदेश में 2 अगस्त से सभी कक्षाओं के स्कूल खुले। वहां 52 छात्र-छात्राओं के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
छत्तीसढ़ में 2 अगस्त से स्कूल खुले थे। जांजगीर में 3 स्कूलों के 11 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं।
जिन भी राज्यों में स्कूल खुले हैं, वहां या तो अटेडेंस अधिकतम 50 प्रतिशत की गई है या फिर अलग-अलग शिफ्ट में बुलाया जा रहा है ताकि एक वक्त पर ज्यादा भीड़ ना हो।
इसके बावजूद स्कूलों में बच्चों की संख्या गिनी-चुनी ही है। अधिकतर सर्वे में पैरंट्स बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमत नहीं दिखते।
ज्यादातर वैक्सीन लग जाने तक रुकना चाहते हैं। बच्चों के लिए अक्टूबर-नवंबर तक वैक्सीन आने की संभावना जताई जा रही है।