बेंगलुरू: कर्नाटक में तीसरी लहर आने से पहले ही बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।
दूसरी लहर के दौरान ही कर्नाटक में बच्चों के अंदर संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, जबकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है।
कोरोना की पहली लहर के दौरान 9 मार्च से 25 सितंबर 2020 के बीच 10 साल से छोटे बच्चों के 19,378 केस और 11 से 20 साल के बच्चों के 41,985 मामले सामने आए थे।
कोरोना की दूसरी लहर में सारे रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं। महज 15 दिन में अब तक 19 हजार बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों में कोरोना के अजीब लक्षण नजर आ रहे हैं, जिसमें लगभग 10 साल की आयु के बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस भी शामिल है।
कुछ मामलों में बच्चों में चकत्ते और अन्य त्वचा रोग होते हैं। कर्नाटक में बच्चों में बढ़ते संक्रमण को लेकर सरकार अलर्ट है।
इससे पहले दिल्ली में संक्रमण के कारण दो बच्चों की मौत हो गई थीकोरोना से 5 साल की परी और एक 9 साल के क्रिशु की मौत हो गई।
इन दोनों बच्चों का इलाज दिल्ली के जीटीबी (गुरु तेगबहादुर) अस्पताल में चल रहा था।
5 साल की परी संक्रमित होने के बाद छह दिन तक वेंटिलेटर पर रही। इलाज के दौरान पिछले बुधवार को उसकी मौत हो गई।
वहीं, 9 साल के क्रिशु की भी मौत कोरोना की वजह से हुई।
परिजन बताते हैं कि बुधवार को अचानक से क्रिशु की तबीयत बिगड़ी उसके बाद जीटीबी अस्पताल में एडमिट कराया गया।
जहां गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई है।
जीटीबी अस्पताल के मुताबिक दोनों बच्चों के ऑक्सीजन लेवल 30 से नीचे पहुंच गया था और लंग्स में संक्रमण काफी ज्यादा आ गया था।
बच्चों के संक्रमित होने की खबर के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लिखा कि आने वाले वक्त में बच्चों को कोरोना से सुरक्षा चाहिए होगी।
बच्चों के इलाज की सुविधाएं, वैक्सीन के प्रोटोकॉल अभी से ही तय हो जाने चाहिए।
राहुल गांधी ने केंद्र पर हमला करते हुए लिखा कि भारत के भविष्य के लिए वर्तमान के मोदी सिस्टम को नींद से जागने की जरूरत है।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद ख़तरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है।
केंद्र सरकार से मेरी अपील है कि सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हो, बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो।